नई दिल्ली। एलपीजी सब्सिडी छोड़ने को प्रेरित करने के लिए चलाए जा रहे अभियान का असर देखने को मिल रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र की तीन ऑयल कंपनियों में अभी तक करीब 10 लाख उपभोक्ताओं ने एलपीजी की सब्सिडी छोड़ दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब तीन महीने पहले "गिव इट अप" अभियान लॉन्च किया था।
इसके बाद मोदी खुद कई वीआईपीज को फोन कर सब्सिडी छोड़ने को कहा था। उनकी आग्रह पर वित्त मंत्री अरूण जेटली, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित कुछ मंत्रियों ने सब्सिडी छोड़ी भी थी।
इंडियन ऑयल (इंडेन), भारत पेट्रोलियम (भारत गैस) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपी) में करीब 15.3 करोड़ उपभोक्ता रजिस्टर्ड हैं। हर उपभोक्ता को साल में सब्िसडी वाले 12 सिलेंडर मुहैया कराने में वे कुल 40 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी देते हैं।
जब कोई उपभोक्ता एलपीजी रिफिल कराने के लिए फोन करता है, तो इंटरेक्िटव वॉयस रिस्पॉन्स (आईवीआरएस) के तहत ग्राहकों से सब्िसडी छोड़ने की अपील की जाती है। इसके अलावा ऑडियो विजुएल के जरिये भी लोगों से सब्िसडी छोड़ने के लिए कहा जा रहा है।
तेल कंपनियों को उम्मीद है कि वे कम से कम 1 करोड़ उपभोक्ताओं को गैस सब्िसडी छोड़ने के लिए राजी कर लेंगे। उत्तर प्रदेश में अब तक 2.09 लाख उपभोक्ताओं ने अब तक सब्िसडी छोड़ दी है। यह संख्या दूसरे राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है।
इसके बाद महाराष्ट्र का स्थान आता है। दक्षिणी राज्यों में कुल 2.16 लाख लोगों ने सब्िसडी छोड़ी है, जिसमें कर्नाटका में 78 हजार 307 उपभोक्ता, तमिलनाड़ में 67 हजार 96 और आंध्र प्रदेश में 31 हजार 711 उपभोक्ता शामिल हैं।
कई राज्यों में एलपीजी के लाभ छोड़ने और इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए सेलेब्रिटीज आगे गए हैं। कर्नाटक में विप्रो के प्रमुख अजीम प्रेमजी की पत्नी, तमिलनाडु में अभिनेता कमल हासन, निर्देशक मणिरत्नम आदि ने मुहिम को आगे बढ़