शिक्षा मित्रों का भविष्य अब सुप्रीम कोर्ट के हाथों में-

शिक्षक बनाए गए शिक्षा मित्रों का भविष्य अब सुप्रीम कोर्ट ही तय करेगा। राज्य सरकार 27 जुलाई को होने वाली सुनवाई में अपना पक्ष रखेगी।

शासन से लेकर निदेशालय स्तर पर इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाने का ठोस आधार तलाशा जा रहा है, जिससे सुप्रीम कोर्ट में यह साबित किया जा सके कि राज्य सरकार का निर्णय सही है। अब तक 1,35,826 शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाया जा चुका है।

राज्य सरकार ने प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत 1.76 लाख शिक्षा मित्रों को तीन चरणों में दूरस्थ शिक्षा से बीटीसी का प्रशिक्षण देकर सहायक अध्यापक बनाने का निर्णय किया है।

पहले चरण में 60,000 शिक्षा मित्रों को प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें से 58,826 ने परीक्षा पास जिन्हें सहायक अध्यापक बनाया जा चुका है।

दूसरे चरण में 92,000 शिक्षा मित्रों ने बीटीसी का प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिसमें 91,104 ने परीक्षा पास की, जिसमें से 77,000 को शिक्षक बनाया जा चुका है।

शेष बचे 14,104 शिक्षा मित्रों को शिक्षक बनाया जाना था, लेकिन इसी बीच सुप्रीम कोर्ट से इस पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने चूंकि शिक्षक बनाने पर रोक लगाई है कि इसलिए आगे की प्रक्रिया पूरी तरह से रोक दी गई है।

इसलिए शिक्षक बनकर बच्चों को स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षा मित्रों का भविष्य सुप्रीम कोर्ट से आदेश आने के बाद ही तय होगा।

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