रांची: गरीब आदिवासी की जमीन के मुआवजे की राशि बिचौलिये ने हड़प ली. तीला टांड़, धनबाद के रहनेवाले मुनिलाल टुडू की 2.77 एकड़ जमीन जरेडा (झरिया पुनर्वास प्राधिकार) के आवास निर्माण के लिए अधिगृहीत की गयी. जमीन अधिग्रहण के एवज में श्री टुडू को एक करोड़ 35 लाख 37 हजार रुपये मुआवजा मिला. उनके बैंक खाते में पैसा भी आया. पर बिचौलियों ने उनसे खाली (ब्लैंक) चेक पर हस्ताक्षर ले लिया.
पैक्स अधिकारियों की मिलीभगत से श्री टुडू के पैसे बिचौलिये ने उठा लिये. इस संबंध में श्री टुडू ने चार दिन पूर्व धनबाद उपायुक्त को लिखित शिकायत की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि संजय महतो नाम का व्यक्ति उसके पास आया था. उसने ही चेक पर हस्ताक्षर लिया. उल्लेखनीय है कि 27-07-11 को जेरेडा के लिए जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की गयी थी. जेरेडा के लिए दर्जनों आदिवासी परिवार की जमीन अधिगृहीत की गयी. श्री टूडू को भू-अजर्न विभाग की ओर से 18-05-13 को जमीन के एवज में मुआवजा दिया गया था.
भू-अजर्न पदाधिकारी पर एफआइआर
धनबाद के तत्कालीन भू-अजर्न पदाधिकारी उदयकांत पाठक के कार्यकाल में रैयतों को मुआवजा का वितरण किया गया. तत्कालीन भू-अजर्न पदाधिकारी श्री पाठक के खिलाफ एफआइआर भी हुआ है. वर्तमान में श्री पाठक हुसैनाबाद के एसडीओ हैं. एक दूसरे मामले में भी भू-अजर्न पदाधिकारी के खिलाफ 420 का मामला दर्ज किया गया है.
निगरानी जांच का दिया गया है आदेश
धनबाद में भारी पैमाने पर मुआवजा वितरण में अनियमितता हुई है. दर्जनों आदिवासियों के मुआवजा का करोड़ों रुपये बिचौलिये हड़प चुके हैं. सरकार ने मुआवजा घोटाले की जांच निगरानी से कराने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री के आदेश के बाद जांच से संबंधित संचिका निगरानी विभाग को भेज दी गयी है.