भले ही नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लांच डिजिटल लॉकर सुविधा के बारे में अभी लोगों तक ठीक तरीके से जानकारी न पहुंची हो लेकिन यह मामला कानूनी विवाद में जरूर पड़ गया है।
इस सुविधा के लांच होने के दो दिन बाद ही इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। आरटीआई कार्यकर्ता सुधीर यादव में शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल कर डिजिटल लॉकर सुविधा को आधार से लिंक किए जाने को चुनौती दी है।
याचिका में अदालत से सरकार के उस आदेश को निरस्त करने की गुहार की गई है जिसमें इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड को जरूरी बताया गया है।
पहली जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए डिजिटल लॉकर सुविधा को लांच किया था। इस सुविधा के तहत पैन कार्ड, पासपोर्ट, सर्टिफिकेट आदि महत्वपूर्ण दस्तावेज को डिजिटल तरीके से स्टोर किया जा सकेगा।
याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार द्वारा आधार कार्ड को जरूरी बनाना सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेश का उल्लंघन है। साथ ही ऐसा करना मूल अधिकारों का भी हनन है।
इस शर्त के कारण कई नागरिक डिजिटल लॉकर की सुविधा लेने से महरूम रहेंगे। मालूम हो कि 23 सितंबर 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए कहा था कि आधार कार्ड सरकार की किसी सुविधा का लाभ उठाने का आधार नहीं हो सकता।