बाढ़ पुनर्वास तथा प्रबंधन प्रोजेक्ट की इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घोषणा कर सकते हैं। वर्ल्ड बैंक ने भी 1400 करोड़ रुपये देने की मंजूरी दे दी है। वर्ल्ड बैंक से और अधिक मदद के लिए भी बातचीत चल रही है।
डॉ. हसीब द्राबू ने कहा कि रियासत की वित्तीय हालत को देखते हुए सोनार के हथौड़े की तरह काम कर रहा हूं। धीरे-धीरे ठोक बजाकर चीजों को सही फार्मूले पर फिट कर रहा हूं ताकि राज्य की आर्थिक स्थिति एक शक्ल ले सके। दावा किया कि जल्द ही राज्य की आर्थिक स्थिति बेहतर हो जाएगी।
डॉ. द्राबू ने स्वीकार किया कि राज्य की वित्तीय स्थिति खस्ता हाल है। बाढ़ ने अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है। पिछली सरकार की बदइंतजामी ने भी माली हालत खराब करके रख दी है। साढ़े नौ हजार करोड़ की देनदारी है। सात हजार करोड़ की देनदारी अकेले पावर सेक्टर की है।
ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है कि अगले दो महीने में पावर सेक्टर की देनदारी खत्म हो जाए। 18-20 महीने से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा था, लेकिन अब इस स्थिति में बदलाव आया है और लोगों को वेतन मिलने लगा है।
दावा किया कि छह-आठ महीने का समय लगेगा, लेकिन स्थिति बदल जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि रियासत की खराब माली हालत से वे विचलित नहीं हैं।
यहां विकास के लिए पैसा कहां से आएगा, इसकी भी चिंता नहीं है। पैसा लाना आसान है, लेकिन उसे ईमानदारी तथा पारदर्शिता से खर्च करना काफी मुश्किल है। कोशिश है कि विकास के लिए मिला पैसा भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़े और सतह पर काम होता दिखे।