गांव के सरपंच नटूभाई पंचाल ने बताया कि केवल हमारे गांव में ही कैंसर की बीमारी है। इस बारे में सरकार से कई बार की शिकायत बाद भी अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। गांव के लोगों के प्रति किसी भी प्रकार की सहानुभूति भी नहीं है। अभी हाल ही में गांव की तीन महिलाओं को गर्भाशय का कैंसर होने का निदान हुआ है। गांव में पुरुषों को लीवर-आंत, और ब्लड सहित अलग-अलग प्रकार का कैंसर होता है। वहां महिलाओं में स्तन कैंसर एवं गर्भाशय का कैंसर बड़ी मात्रा में हो जाता है। इस बीमारी के कारण गांव के लोगों को लाखों रुपये खर्च हुए हैं। फिर भी मरीजों को बचाया नहीं जा सका ।
प्रतापगढ़ गांव के गिरीश भाई मेहसाणा तहसील पंचायत में नौकरी करते थे। इन्हें किसी भी प्रकार का कोई व्यसन नहीं था। इन्हें ब्लड कैंसर हो गया। साढ़े तीन लाख रुपये खर्च होने के बाद भी 38 वर्षीय इस युवक को बचाया नहीं जा सका । आज उनकी पत्नी अनाथ बच्चों का पालन पोषण कर रही है। यहां से कनाडा गए जयंत पटेल नामक इंजीनियर की लीवर कैंसर से मौत हो गई ।