दस हजार पंचायतों में से सिर्फ 800 के पास इंटरनेट

रायपुर/राजनांदगांव/जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में केवल 800 ग्राम पंचायतों को ही इंटरनेट से जोड़ा जा सका है। जबकि प्रदेश में कुल दस हजार 971 ग्राम पंचायतें हैं। वहीं, प्रदेश की आधे से अधिक ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर ही नहीं है। जिन पंचायतों में कम्प्यूटर है तो उसे ऑपरेट करने के लिए ऑपरेटर नहीं हैं।

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पूरे देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में भी सूचना और संचार नेटवर्क के विकास व विस्तार के लिए ‘डिजिटल इंडिया" सप्ताह मनाया जा रहा है। पंचायत विभाग के अधिकारियों के मुताबिक सभी पंचायतों में डिजिटल इंडिया सप्ताह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

डिजिटल इंडिया सप्ताह के तहत बुधवार को सभी ग्राम पंचायतों से दो-दो प्रतिनिधियों का चयन कर उन्हें जनपद स्तर पर चिप्स के प्रतिनिधियों व विषय विशेषज्ञों ने डिजिटल तकनीक के बारे में ट्रेनिंग दी। इसी तरह दो व तीन जुलाई को ग्राम पंचायतों के स्तर पर डिजिटल ग्रामसभाओं का आयोजन किया जाएगा।

ग्रामसभा में पंच-सरपंच व सचिव के अलावा ग्रामीणों को कम्प्यूटर व इंटरनेट के बारे में जानकारी दी जाएगी। डिजिटल इंडिया सप्ताह के लिए जिन 800 ग्राम पंचायतों को चुना गया है, वहां पक्का भवन, कंप्यूटर व इंटरनेट सहित बिजली व ऑपरेटर की व्यवस्था है। ग्रामीणों को ऐसी ट्रेनिंग दी जाएगी जिससे वे इंटरनेट का प्रयोग करना सीखें और ई-मेल आदि पर कार्य कर पाएं। लोगों को गांव में ही जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति, निवास और अन्य प्रमाण पत्र मिलेगा।

बताया गया कि गुरुवार को ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाओं का आयोजन कर ग्रामीणों को भी डिजिटल इंडिया की विशेषताएं बताईं जाएंगी। उल्लेखनीय है कि पूरे देश के साथ ही छत्तीसगढ़ में भी डिजिटल इंडिया सप्ताह छह जुलाई तक मनाया जाएगा। इस दौरान केंद्र सरकार ने प्रत्येक राज्य से तीन सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायतों का चयन कर उन्हें पुरस्कृत करने का भी निर्णय लिया है। डिजिटल इंडिया सप्ताह के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत छत्तीसगढ़ में संचालित 600 राशन दुकानों को भी ऑनलाइन भी किया जाएगा।

‘ई-पंचायत" भी फेल

प्रदेश में ग्राम पंचायतों को सूचना एवं प्रौद्योगिकी से जोड़ने के लिए दो साल पहले ई-पंचायत योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत कुछ ग्राम पंचायतों में ही कम्प्यूटर की व्यवस्था कराई जा सकी है, लेकिन इंटरनेट सुविधा आज तक मुहैय्या नहीं कराई गई है। केंद्र सरकार की नेशनल आप्टिकल फाइबर नेटवर्क कार्यक्रम के तहत साल के भीतर सभी पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। पंचायतों के कामकाज व अन्य जानकारियां ऑनलाइन की जाएगी।

डिजिटल इंडिया से दूर रही बस्तर की पंचायतें

डिजिटल इंडिया सप्ताह के पहले दिन बस्तर जिले की कई ग्राम पंचायतें दूर रहीं। ग्राम पंचायत भवनों में कहीं ताले लटके रहे तो कहीं अन्य कार्य होता रहा। अधिकारी व सचिवों ने प्रधानमंत्री को सुना जरुर। डिजिटल इंडिया से जोड़ने बस्तर की 50 ग्राम पंचायतों चयन किया गया है, जहां डिजिटल इंडिया सप्ताह मनाया जा रहा है, लेकिन पहले दिन सभी ग्राम पंचायतों में कार्यक्रम नहीं हुए। जिले की 50 ग्राम पंचायतों का कार्यक्रम चिन्हित स्थानों पर हुआ। जगदलपुर ब्लॉकमें नानगुर व लाइवलीहुड कॉलेज में तो बस्तर-लोहंडीगुडा ब्लॉक के जनपद कार्यालयों में आयोजन किया गया।

न बिजली, न ही इंटरनेट

राजनांदगांव जिले के लगभग 40 फीसदी ग्राम पंचायतों मंे अव्यवस्था व संसाध्ानों की कमी के बीच डिजिटल इंडिया सप्ताह शुरू हो गया। इन ग्राम पंचायतों में न कम्प्यूटर है न इंटरनेट। इनमें से 20 फीसदी वनांचल की ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जहां बिजली आपूर्ति भी अब तक सही ढंग से नहीं हो रही है। जिले में कुल 798 ग्राम पंचायतें हैं। बीते पंचवर्षीय में जिलेभर के पंचायतों को कम्प्यूटर तो दिए गए थे लेकिन कर्मचारियों के ट्रेंड नहीं होने की वजह से आज भी 70 फीसदी ग्राम पंचायतों में मेनुवल वर्क ही किया जा रहा है। मोबाइल फ्रिक्वेंसी व टावरों की कमी के चलते इंटरनेट सुविध्ाा पूरी तरह ठप पड़ी है।

 

‘प्रधानमंत्री के आव्हान पर छत्तीसगढ़ की दस हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में भी डिजिटल इंडिया सप्ताह मनाया जा रहा है। यह सही है कि प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में अभी कम्प्यूटर व इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। दो व तीन जुलाई को ग्राम पंचायत स्तर पर डिजिटल ग्रामसभाओं का आयोजन किया जाएगा, जहां कंप्यूटर व इंटरनेट के बारे में ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा।"

– अनिल टुटेजा, संचालक, पंचायत विभाग

 

‘ राजनांदगांव जिले की लगभग सभी ग्राम पंचायतों को कम्प्यूटर का आवंटन काफी पहले कर दिया गया है। वनांचल की पंचायतों को इंटरनेट की सुविधा से जोड़ने भी प्रक्रिया जारी है।"

डॉ. प्रियंका शुक्ला, प्रभारी कलेक्टर, राजनांदगांव

 

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