किसी ने उत्सर्जन घटाने को नहीं कहा: भारत

नवीन सिंह खड़का(बीबीसी)–भारत ने कहा है कि वो संयुक्त राष्ट्र में सौंपी जाने वाली जलवायु योजना में ऐसी कोई घोषणा नहीं करेगा कि कब ग्रीन हाउस गैसों का उसका उत्सर्जन सबसे ऊंचे स्तर पर होगा.
पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बीबीसी से ख़ास बातचीत में बताया कि किसी ने ऐसी कोई घोषणा करने को कहा भी नहीं है क्योंकि दुनिया भारत की विकास ज़रूरतों को जानती है.
एक दिन पहले ही चीन ने घोषणा की है कि उसका उत्सर्जन 2030 के आसपास सबसे ऊंचे स्तर पर होगा
चीन ने संयुक्त राष्ट्र को सौंपी अपनी जलवायु योजना में ये घोषणा की है.
इससे पहले मार्च में अमरीका ने कहा था कि वो 2025 तक अपने उत्सर्जन में 26 से 28 फ़ीसदी की कमी करेगा.

 

भारत पर नज़रें
संयुक्त राष्ट्र ने 190 से अधिक देशों से अपनी जलवायु योजना सौंपने कहा है.
लगभग 40 देशों ने ये योजना सौंप दी और अब नज़रें भारत पर टिकी हैं, जो चीन और अमरीका के बाद दुनिया का तीसरा सबसे अधिक उत्सर्जन करने वाला देश है.
जावड़ेकर ने कहा कि चीन का सालाना उत्सर्जन प्रति व्यक्ति लगभग 20 टन है जबकि भारत का उत्सर्जन इसका सिर्फ़ 10 प्रतिशत है.
उन्होंने कहा कि भारत की 20 प्रतिशत से ज़्यादा आबादी तक बिजली नहीं पहुंची है और वो भी विकास के हक़दार हैं.
भारतीय पर्यावरण मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को दी जाने वाली भारत की योजना में ऊर्जा का कुशलता से इस्तेमाल करने के उपाय होंगे.

 

 

विकसित बनाम विकाशशील
विशेषज्ञों का कहना है कि संभवतः इस साल पैरिस में होने वाले वैश्विक जलवायु समझौते के लिए भारत का रुख़ बहुत अहम है.
अब तक चीन और भारत कहते आए हैं कि पहले विकसित देश अपनी ऐतिहासिक ज़िम्मेदारियों को निभाते हुए अपना कार्बन उत्सर्जन घटाएं.
वहीं विकसित देशों का रुख है कि भारत और चीन जैसे उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों को भी एक सार्थक जलवायु समझौते के अपना उत्सर्जन घटाएं.

 

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