कोर्ट ने पीड़ित और आरोपी के बीच शादी के लिए समझौते को बड़ी गलती बताया है साथ हीं इसे पूरी तरह से अवैध बताया है. कोर्ट ने दुष्कर्म के मामलों में अदालतों के नरम रुख को भी गलत ठहराया साथ ही इसे महिलाओं की गरिमा के खिलाफ भी बताया है.
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दुष्कर्म के मध्य प्रदेश सरकार की ओर से एक मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया.
पिछले दिनों मद्रास हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में फैसला सुनाया जो काफी अनुठा था. कोर्ट ने आरोपी को जमानत इसलिए दी ताकि वह पीड़िता के साथ समझौते की प्रक्रिया में शामिल हो सके. पीडिता अनाथ है. दुष्कर्म के बाद वह एक बच्चे को भी जन्म दे चुकी है. निचली अदालत ने 2002 में इस मामले की सुनवाई करते हुए आरोपी को सात साल की सजा सुनाई साथ ही दो लाख रुपए जुर्माना भी उसपर लगाया था.