सूरज से रेलवे को मिलेगी नई ऊर्जा, हर साल बचेगा 1 करोड़ लीटर डीजल

नई दिल्ली रेलवे ने ट्रेनों में पंखे, वातानुकूलन प्रणाली, प्रकाश व्यवस्था और चार्जिंग प्वॉइंट पर खर्च होने वाली बिजली को अब कोच की छतों पर सौर ऊर्जा पैनल लगाकर पैदा करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। इससे हर साल लगभग एक करोड़ लीटर डीजल की बचत संभव होगी।

हाल ही में यशवंतपुर-भोपाल एक्सप्रेस और चेन्नई -कोयंबटूर शताब्दी एक्सप्रेस में एक विशेष एलबीएच कोच में 180-180 वाट क्षमता के दो सौर पैनल लगा कर ट्रायल रन किया गया जिसमें भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु, के वैज्ञानिकों ने दिशा एवं गति के हिसाब में कोचों में सौर पैनलों से विद्युत उत्पादन को रिकॉर्ड किया।

सूत्रों के अनुसार ये कोच चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्टरी में विकसित किए गए थे। इनके माध्यम से अब यह पता लगाया जा रहा है कि सैद्धांतिक रूप से जितनी बिजली पैदा होने का अनुमान है, उतनी बिजली पैदा हो पा रही है अथवा नहीं।

वैज्ञानिक इस बारे में कोई अंतिम निष्कर्ष निकालने के पहले यह भी जानना चाहते हैं कि सौर विद्युत उत्पादन पर गाड़ी की गति एवं मौसम का क्या एवं कितना प्रभाव पड़ता है।

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