मंत्री मेहदेले ने कहा है कि एक जुलाई से मध्यप्रदेश उद्यानिकी स्वर्ण क्रांति अभियान और ग्रामोद्योग ग्लोबल परियोजना शुरू की जा रही है। इसके तहत उद्यानिकी, हस्तशिल्प, हैंडलूम, माटी शिल्प आदि को एक छत के नीचे लाया जाएगा। इनके लिए विश्व बाजार में संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
मेहदेले ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि ग्रामोद्योग ग्लोबल परियोजना के तहत मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम की होटलों व मोटलों में भी कुटीर व ग्रामोद्योग के आउटलेट खोले जाएंगे। ग्लोबल परियोजना की तैयारियों को लेकर एक वर्कशॉप का आयोजन भी किया गया जिसमें विभाग के प्रमुख सचिव प्रवीण कृष्ण ने प्रेजेंटेशन दिया।
प्रमुख सचिव ने बताया कि विभाग प्रदेश को पुष्प और रेशम राज्य बनाने में जुटा है। इन्हें बढ़ावा दिया जा रहा है। अभी प्रदेश में 15 लाख हेक्टेयर में फल-फूलों की खेती होती है जिसे 30 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य है। इसके लिए राज्य सरकार दो हजार करोड़ रुपए विश्व बैंक से लोन लेने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि किसान फल-फूलों की खेती से प्रति एकड़ दस से बीस लाख रुपए तक की आय प्राप्त कर सकते हैं।