देश की 20 प्रतिशत आय केवल 928 घरों में सीमित

एक तरफ तो सरकारें कहती हैं कि वो गरीबी और अमीरी की खाई को पाट देंगी लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट इस बात को सिरे से खारिज करती हैं कि भारत में कुछ ऐसा हो भी सकता है।

बॉस्टन कंसल्टेंसी ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कुल कमाई का 20 प्रतिशत केवल 928 परिवारों तक ही सीमित हैं। बॉस्टन कस्लटिंग ग्रुप की रिपोर्ट में ‘ग्लोबल वेल्थ 2015:विनिंग द ग्रोथ गेम’ में कहा गया है कि साल 2019 तक इस के 24 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

2013 में यह आंकड़ा केवल 284 घरों तक ही सीमित था, लेकिन पिछले दो साल बाद इसमें खासा उछाल आया है। ग्रुप ने यह रिपोर्ट तीन अन्य देशों के लिए भी जारी की है, जिनमें ब्रिटेन (1,019), चीन (1,037) और अमेरिका (5,201) घरों में कुल आय का 20 प्रतिशत सीमित है।

इसी क्रम में जो लोग कम समृद्ध हैं उनकी आर्थिक क्षमता 6.2 करोड़ रुपए से ज्यादा है जो कुल संपत्तियों का 36 प्रतिशत है। 2009 में यह आंकड़ा 33 प्रतिशत था, जो कि 2014 में 36 प्रतिशत हो गया वहीं, यह 2019 तक 38 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।

एशिया प्रशांत क्षेत्र यदि जापान को छोड़ दिया जाए चो भारत में सबसे ज्यादा लोगों की निजी संपत्ति तेजी से बढ़ रही है। इस क्षेत्र में अरबपतियों की संख्या भी बढ़ रही है। रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 2019 तक कुल आय का 34 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ इसी क्षेत्र में सीमित रह जाएगा। इसमें वृद्धि दर प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की दर से होगी। इसमें यह भी कहा गया है कि 4,650 लाख करोड़ रुपए की निजी संपत्ति 2019 तक बढ़ जाएगी।

भारत और चीन में निजी संपत्तियों के बढ़ने का एक मुख्य कारण यह भी है कि यहां बाजार में अच्छा मुनाफा मिलता है जिसमें लोगों के निवेश शामिल है। चीन में इक्विटी मार्केट में 38 प्रतिशत का उछाल आया है, जबकि भारत में बाजार ने इस साल 23 प्रतिशत की ज्यादा कमाई की है।

एक तरफ तो सरकारें कहती हैं कि वो गरीबी और अमीरी की खाई को पाट देंगी लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट इस बात को सिरे से खारिज करती हैं कि भारत में कुछ ऐसा हो भी सकता है।

बॉस्टन कंसल्टेंसी ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कुल कमाई का 20 प्रतिशत केवल 928 परिवारों तक ही सीमित हैं। बॉस्टन कस्लटिंग ग्रुप की रिपोर्ट में ‘ग्लोबल वेल्थ 2015:विनिंग द ग्रोथ गेम’ में कहा गया है कि साल 2019 तक इस के 24 प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।

2013 में यह आंकड़ा केवल 284 घरों तक ही सीमित था, लेकिन पिछले दो साल बाद इसमें खासा उछाल आया है। ग्रुप ने यह रिपोर्ट तीन अन्य देशों के लिए भी जारी की है, जिनमें ब्रिटेन (1,019), चीन (1,037) और अमेरिका (5,201) घरों में कुल आय का 20 प्रतिशत सीमित है।

इसी क्रम में जो लोग कम समृद्ध हैं उनकी आर्थिक क्षमता 6.2 करोड़ रुपए से ज्यादा है जो कुल संपत्तियों का 36 प्रतिशत है। 2009 में यह आंकड़ा 33 प्रतिशत था, जो कि 2014 में 36 प्रतिशत हो गयावहीं, यह 2019 तक 38 प्रतिशत तक पहुंच सकता है।

एशिया प्रशांत क्षेत्र यदि जापान को छोड़ दिया जाए चो भारत में सबसे ज्यादा लोगों की निजी संपत्ति तेजी से बढ़ रही है। इस क्षेत्र में अरबपतियों की संख्या भी बढ़ रही है। रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 2019 तक कुल आय का 34 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ इसी क्षेत्र में सीमित रह जाएगा। इसमें वृद्धि दर प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत की दर से होगी। इसमें यह भी कहा गया है कि 4,650 लाख करोड़ रुपए की निजी संपत्ति 2019 तक बढ़ जाएगी।

भारत और चीन में निजी संपत्तियों के बढ़ने का एक मुख्य कारण यह भी है कि यहां बाजार में अच्छा मुनाफा मिलता है जिसमें लोगों के निवेश शामिल है। चीन में इक्विटी मार्केट में 38 प्रतिशत का उछाल आया है, जबकि भारत में बाजार ने इस साल 23 प्रतिशत की ज्यादा कमाई की है।

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