मरने वाले बुजुर्गों की उम्र 65 से 80 साल के बीच थी। इनमें सिर्फ 10 ही ऐसे थे जो अस्पताल जा सके बाकी 25 ने वृद्धाश्रम में ही दम तोड़ दिया। रंगपुरी पहाड़ी स्थित इस गुरुकुल वृद्धाश्रम को 2008 से कोई पैसा नहीं मिला है।
आश्रम संस्थापक रवि कालरा ने बताया कि पिछले साल 39 बुजुर्गों की मौत हुई थी मगर अब हालात और बिगड़ गए हैं। भीषण गर्मी में टिन की छत और दीवारें अंगारों की तरह तपती हैं।
उन्होंने बताया, आश्रम में 100 बुजुर्ग ऐसे हैं जो बिस्तर से नहीं उठ सकते। डिस्पेंसरी में सिर्फ बेसिक दवाएं हैं। स्वास्थ्य जांचभी नहीं होती। समाज के लोग मदद करते हैं पर सरकारी व्यवस्था उदासीन है। उस पर हालात यह कि पुलिस और अदालत से रेफर बुजुर्ग यहीं भेज दिए जाते हैं। कुछ माह पहले यूएन की ओर से भी तीन बुजुर्ग यहां भेज दिए गए थे।