सरकार नहीं जानती देश में कितना है दाल का भंडार

इस साल मानसून के ठीक रहने का अनुमान क्या जारी हुआ, बाजार में दाल के भाव आसमान छूने लगे। लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि देश में दालों के पर्याप्त भंडार हैं और उसकी कोई कमी नहीं है। हालांकि सरकार यह नहीं बता पा रही है कि देश में दाल का कितना भंडार है। लेकिन उसका दावा है कि जो भी राज्य दाल मांगेगा, उसे दी जाएगी।

केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने बुधवार को यहां नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में मंत्रालय की उपलब्धियां बताने के क्रम में पत्रकारों को बताया कि देश में दालों का पर्याप्त भंडार है। उनके मंत्रालय ने सभी राज्य के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख कर इस बारे में जानकारी दे दी है और कहा है कि जिन्हें भी दाल की आवश्यकता हो, मंगा सकते हैं।

 

उन्होंने बताया कि वर्ष वर्ष 2013-14 के दौरान देश में 193 लाख टन दालों का उत्पादन हुआ था और घरेलू मांग पूरा करने के लिए 36 लाख टन दालों का आयात किया गया था। वर्ष 2014-15 के दौरान दलहनी फसल खराब होने की वजह से करीब 173 लाख टन दालों के उत्पादन का अनुमान है। इसे देखते हुए 45 लाख टन दालों का आयात किया जा रहा है। 
राधा मोहन सिंह का कहना है कि देश में दालों का पर्याप्त भंडार है। किसी को इस बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि जब उनसे यह पूछा गया कि जब देश में दालों का पर्याप्त भंडार है तो पिछले दो-तीन महीने के दौरान दालों की कीमत 50 फीसदी से भी ज्यादा की बढ़ोतरी क्यों हुई है तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

 

उनसे यह भी जानने की कोशिश की गई कि क्या बाजार में बिचौलिये या सटोरिये सक्रिय हैं और वह मुनाफा काटने की कोशिश कर रहे हैं, तो इस पर भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

मानसून खराब होने की स्थिति सरकार की तरफ से किये जाने वाले उपायों की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि यदि ऐसा होता है कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा सूखे के मौसम में उगाये जाने वाली फसलों के बीज किसानों को वितरित किये जाएंगे। इस तरह के बीजों का भी पर्याप्त भंडार है।

इसके अलावा जिला स्तर पर आकस्मिक योजना (कंटिनजेंसी प्लान) तैयार की जाएगी। साथ ही किसानों को सरकार की तरफ से परामर्शी सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

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