प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुप्रचारित अटल पेंशन योजना में कई पेंच सामने आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस योजना में अधिकतम पेंशन 14 साल ही मिलेगी। इसके बाद भी यदि पेंशनधारी जीवित रहा तो उसे पेंशन मिलेगी या नहीं, इसका जवाब कोई नहीं दे रहा है।
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय ने बीते 9 मई को जो अटल पेंशन योजना लागू की उसमें 18 साल से लेकर 40 साल के उम्र के व्यक्ति को पात्र बनाया गया है। ये अगर प्रतिमाह 42 रुपये से 1,452 रुपये तक की राशि जमा करते हैं तो उनको 60 साल पूरा होने पर उनके द्वारा जमा की गयी पूंजी के हिसाब से 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक की राशि प्रति महीने पेंशन के रूप में मिलेगी।
जिसने जितना ज्यादा पैसा जमा कराया उन्हें उतनी ज्यादा पेंशन मिलेगी। लेकिन नया पेंच यह सामने आ रहा है कि आखिर पेंशन कितने साल तक मिलेगी।
इसको समझने के लिए एक उदाहरण लेते हैं। मान लिया जाए कि आप अभी 25 साल के हैं तो 60 साल पूरे होने तक आपको प्रतिमाह एक नियमित राशि अपने बैंक खाते में जमा करनी होगी। यदि आपने प्रतिमाह 76 रुपये जमा कराए तो 35 साल में आपने कुल (35 × 12 × 76) 31920 रुपये जमा किए।
35 साल तक 76 रुपये प्रति माह की जमा पर आप अगर 8 फीसदी चक्रवृद्धि ब्याज जोड़ें तो आपकी कुल राशि 1,74,350 रुपये होगी। सरकार इस पर 1,000 रुपये का मासिक पेंशन देगी। मतलब आपको करीब 14 साल तक पेंशन देने के बाद राशि खत्म।
इसके बाद भी पेंशन मिलेगी या नहीं, इसे वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट नहीं किया है। यही नहीं, इसमें कम से कम 20 साल तक योगदान करना अनिवार्य है तभी आपको पेंशन मिलेगी।
प्रश्न यह उठता है कि समाज के कमजोर तबके के लोग ऐसा कर पाएंगे। अगर बीच में किस्त रुकती है तो जुर्माना लगेगा। 6 महीने तक किस्त रुकी तो खाता फ्रीज, 12 महीने में खाता निष्क्रिय और 24 महीने किस्त नहीं दिया तो खाता बंद और रकम जब्त। खाता चालू करवाने के लिए जुर्माना के साथ बकाया भरिए। इसमें बचत खाता भी जरूरी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यही राशि यदि आप किसी बैंक में 8.5 या 9 फीसदी के चक्रवृद्धि ब्याज पर दर्ज कराते हैं तो आपको ज्यादा पैसे मिलेंगे। इसके साथ ही आपको एक बड़ी पूंजी भी मिलेगी जो कि बुढ़ापे का सहारा होगा।
वित्तीय क्षेत्र के कुछ विशेषज्ञ तो इसे सरकार की मुनाफाखोरी की स्कीम भी बताते हैं क्योंकि इसी धन को सरकार कहीं और निवेश करेगी तो उसे 8 प्रतिशत से ज्यादा ब्याज मिलेगा।