‘नईदुनिया’ को मिली जानकारी के मुताबिक कंपनी के जिस अधिकारी पर इस लिस्ट को सोशल मीडिया पर जारी करने का आरोप है, वह आईटी का जानकार है। यह अधिकारी नौकरी छोड़ चुका है। कंपनी से मतभेद के चलते नौकरी छोड़ने के साथ ही उसने कंपनी के ही एक उच्च अधिकारी की मेल-आईडी हैक कर ली थी। आईडी हैंडल कर डॉक्टर्स के नाम वाली यह लिस्ट हासिल कर ली और उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया, जिसकी शिकायत रायपुर पुलिस को भी की गई है, हालांकि पुलिस अधिकारियों ने इसकी पुष्टि नहीं की है। ‘नईदुनिया’ ने इस लिस्ट पर प्रदेश के कुछ बड़े डॉक्टर्स से बात की। नाम न प्रकाशित करने का आग्रह करते हुए उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने पैसे लिए हैं, लेकिन उनका यह भी कहना है कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के प्रावधान के तहत एडवाइजरी (सलाह) का पैसा लेने की छूट है और उन्होंने इसी प्रावधान के तहत कंपनी से पैेसे लिए हैं। इतना ही नहीं इन डॉक्टर्स का कहना है कि उन्होंने इसे इंकम टैक्स डिपार्टमेंट में टैक्स रिटर्न भरते समय इसका उल्लेख भी किया है। अब इस लिस्ट और शिकायत के आधार पर छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल भी जांच करेगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अगर तथ्य सही पाए गए तो कड़ी कार्रवाई भी हो सकती है। एमसीआई की साइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक डॉक्टर्स को रिसर्च के लिए फार्मासुटिकल कंपनियों से ग्रांट लेने की अनुमति है।
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स समेत कई बड़े नाम-
छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश के डॉक्टर्स के नामों वाली इस सूची में प्रदेश के कई बड़े और नामचीन डॉक्टर्स के नाम है। पं. जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के 3 डॉक्टर्स के अलावा बिलासपुर, दुर्ग, कोबरा, भिलाई, धमतरी, राजनांदगांव, अंबिकापुर, रायगढ़ के डॉक्टर्स के नाम भी हैं।
‘नईदुनिया’ के पास लिस्ट-
अभी यह किसी भी जांच में स्पष्ट नहीं हुआ है कि डॉक्टर्स को पैसा देने की ऐसी कोई लिस्ट कंपनी द्वारा बनाई गई थी। और कंपनी के अधिकारी का मेल आईडी हैक हुआ था। इसलिए ‘नईदुनिया’ इस सूची का प्रकाशन नहीं कर रहा है।
शिकायत मिली है
मैंने भी लिस्ट के बारे में सून रखा था, लेकिन मुझे शिकायत सोमवार को ही प्राप्त हुई है। तमाम शिकायती दस्तावेजों को कमेटी के सामने रखा जाएगा, जो भी तथ्य होंगे उसके अनुसार ही निर्णय लिया जाएगा। (पूछे जाने पर की क्या डॉक्टर्स निजी कंपनियों से पैसा ले सकते हैं, बोले…) किसी भी रूप में पैसा नहीं लिया जा सकता है।
-डॉ. श्रीकांत राजिमवाले, रजिस्ट्रार, छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल