यह सर्वे बुजुर्ग महिलाओं की सामाजिक स्थिति, स्वास्थ्य, वित्तीय स्थिति और कानूनी अधिकारों की स्थिति का पता लगाने के लिए किया गया था। इसके लिए एक पूरी प्रश्नावली तैयार की गई। भारता की जनगणना 2011 के आंकडों के मुताबिक राजस्थान में 28 लाख महिलाएं ऐसी हैं जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा है।
रिपोर्ट कहती है कि बुजुर्ग महिलाएं परिवार की सबसे अवांछित सदस्य मानी जा रही हैं, जिनकी परिवार में सम्मान कम होता जा रहा है। ये लगातार प्रताड़ना की शिकार हैं और इसके पीछे एक बडा कारण यह है कि इनमें ज्यादातर अशिक्षित हैं। इनके पास कोई सम्पत्ति या खुद का पैसा नहीं है और किसी तरह के रोजगार से भी जुडी नहीं है। ऐसे में इनमें से अधिकतर अपने घर की चारदीवारी में सिमटी हुई है और घरेलू कामकाज में ही लगी हैं।
बुजुर्ग महिलाओं की इस स्थिति के पीछे एक बडा कारण बढता शहरीकरण भी माना जा रहा है, करीब 31 प्रतिशत महिलाएं अपने पति के साथ अकेली रहती हैं। उनके बच्चे या पोते-पोती साथ नहीं रहते हैं। इसके अलावा 15 प्रतिशत जो विधवाएं है वे हर जरूरत के लिए दूसरों पर निर्भर है।
सर्वे के अनुसार 90 प्रतिशत महिलाएं आर्थिक रूप से असुरक्षित हैं और छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी परिवार के दूसरे लोगों पर निर्भर हैं। एक तथ्य यह भी सामने आया कि 93 प्रतिशत महिलाओं ने उनके नाम की सम्पत्ति परिवार के किसी पुरूष चाहे वह पति हो या बेटा, उसके नाम कर दी है।
राजस्थान में अभिभावकों की देखभाल के लिए कानून बना हुआ है और पिछली सरकार के समय बुजुर्गों के लिए पेंशन की योजना भी लागू की गई थी, लेकिन इससे भी स्थितियां बहुत ज्यादा ठीक नहीं हैं।
ये करते हैं बुजुर्ग महिलाओं पर प्रताड़ना
बहू – 31.21 प्रतिशत
नाती-पोते- 18.49 प्रतिशत
पति-15.98 प्रतिशत
अन्य रिश्तेदार – 8.25 प्रतिशत