पांच महीने में 40% महंगा हुआ चना, राहत की उम्मीद नहीं

नई दिल्ली। बीते पांच महीनों में चने की कीमतों में 40 फीसदी की तेजी आ चुकी है। लंबे समय तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बिकने वाला चना अब 4,700 रुपए प्रति क्विंटल के भाव बिक रहा है। साल की शुरुआत में चने की कीमत 3,300 रुपए प्रति क्विंटल थी। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्पादन घटने से चने की कीमतों में यह तेजी आई है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगले दो महीनों तक महंगे चने से निजात मिलने नहीं जा रही है, वहीं आगे कीमतें चालू स्तर से 10फीसदी तक और चढ़ सकती हैं।


इस साल चना हुआ 40 फीसदी महंगा


हाजिर बाजार में चने की कीमतें इस साल 40 फीसदी चढ़कर शनिवार को 4,725 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गई है। साल की शुरुआत में चना 3,350 रुपए प्रति क्विंटल के भाव बिक रहा था। पिछले साल चने की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य के नीचे आ गई थी। 2014-15 सीजन के लिए चने की एमएसपी 3175 रुपए प्रति क्विंटल है।


5,500 के पार पहुंच सकता है चना


दिल्ली के दाल व्यापारी सुनील बलदेवा ने कहा कि आने वाले दिनों में चने की कीमतें 5,500 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच सकती हैं। सुनील ने बताया कि इस साल जहां से हम चने का आयात करते हैं, वहां भी उत्पादन में कमी की संभावना है। इस बीच हाजिर बाजार में चने की मांग बढ़ी है, जिससे कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है।


विदिशा (मध्य प्रदेश) के चना कारोबारी समीर भार्गव के मुताबिक अगले दो महीनों तक चने की कीमतें घटने की संभावना नहीं है। दरअसल उत्पादक मंडियों में चने की आवक पिछले साल के मुकाबले आधी रह गई है और सीजन बहुत दूर है। जुलाई के बाद बड़े पैमाने पर आयातित चना बाजार में आएगा उसके बाद ही कीमतें कम होगीं।


चने का उत्पादन पांच साल के निचले स्तर पर


कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक 2014-15 के दौरान देश में चने का उत्पादन 20 फीसदी घटकर 75.9 लाख टन रह सकता है, जो पांच साल का निचला स्तर है। 2013-14 में चने का उत्पादन 95.3 लाख टन हुआ था। इससे पहले दूसरे अनुमान में कृषि मंत्रालय 82.80 लाख टन चना उत्पादन अनुमान लगाया था।


दालों का उत्पादन 10 फीसदी घटने का अनुमान


इस साल देश में दलहन का उत्पादन 3 साल के निचले स्तर तक पहुंचने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय के तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक 2014-15 के दौरान देश में दालों का उत्पादन 9.71 फीसदी घटकर 173.8 लाख टन रह सकता है। पिछले साल देश में 192.5 लाख टन दालों की पैदावार हुई थी।

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