शनिवार को पुलिस ने मृतक की पहचान भी कर ली है। मृतक का बेटा शुभम सिंह ठाकुर (15) व परिजनों ने उसकी पहचान जंगल सिंह ठाकुर के रूप में की है। वह बीते 26 मई को घर से काम की तलाश में निकला था, लेकिन वह पेंड्रा कैसे व किन परिस्थितियों में पहुंचा, यह परिजनों को भी समझ में नहीं आ रहा है। मृतक की तीन बेटियां व एक बेटा है। तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है।
उसके बेटे शिवम ने बताया कि बीते 28 अप्रैल को उसकी तीसरी बहन सपना की शादी हुई। इसके बाद से पिता जंगल सिंह पर 50 हजार रुपए से अधिक का कर्ज हो गया था। वह ककड़ी बेचकर जीवन गुजारा करता था। इन परिस्थितियों में सिर्फ ककड़ी बेचकर वह अपने घर की रोजी-रोटी का खर्चा निकाल पा रहा था। इतनी कम आमदनी में कर्ज से मुक्ति पाना उसके लिए संभव नहीं था। लिहाजा, वह बीते 26 मई को काम की तलाश में घर से निकला था।
इस बीच परिजनों को समाचार पत्रों से पेंड्रा में अज्ञात लाश मिलने की जानकारी हुई। लिहाजा, परिजन उसकी पहचान करने के लिए पहुंच गए। शव की शिनाख्ति होने के बाद पुलिस ने एसडीएम की अनुमति से कब्र खोदकर शव को तहसीलदार की मौजूदगी में निकलवाया। फिर उसे परिजनों के सुपुर्द कर दिया। परिजन शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मुक्तांजली वाहन से उसे मस्तूरी लेकर चले गए। शिवम के साथ ही मृतक के दामाद रामायण सिंह ने बताया कि उसे कोई बीमारी नहीं थी। आर्थिक तंगी के चलते परेशान जरूर था। उसने भी उसकी भूख से मौत होने की आशंका जताई है।
पढ़ाई छोड़कर पिता के साथ बेचता था ककड़ी
शिवम सिंह मृतक जंगल सिंह का इकलौता बेटा है। तीन बहनों के बाद वह सबसे छोटा था। लिहाजा, उसे घर में बहुत लाड-प्यार मिलता था, लेकिन आर्थिक तंगी होने के कारण उसे 5वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी। इसके बाद से वह अपने पिता के साथ ठेला लगाकर ककड़ी बेचता था। जंगल सिंह का परिवार भूमिहीन है। वह मस्तूरी में शासकीय जमीन पर कब्जा कर झोपड़ी बना कर रहता था।
लीपापोती में जुटा प्रशासन
इधर, भूख से अधेड़ की मौत से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। प्रभारी कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने एसडीएम समेत सीएमएचओ व बीएमओ से मामले की रिपोर्ट मांगी है। बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग व एसडीएम ने रिपोर्ट प्रभारी कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को भेज दी है। रिपोर्ट में अधेड़ की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने व सिर में चोट लगने से मौत होने का उल्लेख किया गया है, जबकि पुलिस की पंचनामा रिपोर्ट में उसके शरीर व सिर मेंकिसी तरह के चोट के निशान नहीं मिलने का जिक्र किया गया है।
ऐसे में माना जा रहा है कि अधेड़ की भूख से मौत के तथ्यों को झुठलाने के लिए प्रशासनिक अमला सक्रिय हो गया है और मामले की लीपापोती में जुट गया है। हालॉंकि पीएम करने वाले डॉक्टर ने भी रिपोर्ट में मौत के कारणों का उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने शव का बिसरा परीक्षण कराने के लिए लिखा है। पुलिस अब बिसरा जांच के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चलने की बात कह रही है।