जानकारी के अनुसार खजुरी गांव के प्रतिष्ठित किसान ठाकुर राम पिता शिवचरण (65) के पास लगभग ढाई एकड़ जमीन थी, जिसे उसने कर्रा को-ऑपरेटिव बैंक में गिरवी रखकर 48 हजार रुपए ऋण लिया था। साथ ही बैंक से उधारी में खाद भी खरीदी थी। पिछले तीन साल से ठाकुर राम इन्हीं पैंसों से खेती करके अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहा था, लेकिन समय पर बैंक में लोन जमा नहीं पाने के कारण ठाकुर राम को बैंक प्रबंधक रकम जमा करने दबाव बना रहे थे। इस बीच कर्रा को-आपरेटिव बैंक प्रबंधन ने ठाकुर राम को धमकी भी दी थी कि अगर उसने जल्द ही ऋण जमा नहीं किया तो उसका घर नीलाम कर दिया जाएगा। इससे सकते में आए ठाकुर राम ने मौत को गले लगा लिया।
ठाकुर राम की लाश गांव से करीब एक किमी दूर भेलवा गांव के जंगल में पेड़ पर लटकी मिली॥ सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस मामले में मर्ग कायम कर जांच कर रही है। किसान के कर्ज के बोझ के चलते खुदकुशी करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए अंबिकापुर के एसडीएम अजीत बसंत ने गांव जाकर जानकारी ली।
परिजनों के अनुसार किसान कर्ज में डूबा था और बैंक प्रबंधन द्वारा दबाव दिए जाने पर उसने यह कदम उठाया है। इसी आधार पर मामले की जांच की जा रही है।
सतीश सोनवानी
टीआई, दरिमा