आजादी के बाद पहली बार चुआपानी के जोसेफ ने किया मैट्रिक पास

आजादी के बाद किसी गांव में पहली बार कोई मैट्रिक पास किया है. यह खबर राज्य में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली या जागरूकता का अभाव को दर्शाता है. यह राज्य सरकार के लिए सोचनीय भी है. लेकिन, इस परिणाम ने ग्रामीणों में शिक्षा के प्रति एक नया संचार फैलाया है. ऐसी उम्मीद है.

रानीश्वर : रानीश्वर पंचायत अंतर्गत वृंदावनी पंचायत के चुआपानी गांव का जोसेफ टुडू आजादी के बाद पहला ऐसा लड़का है, जिसने इस बार मैट्रिक की परीक्षा में पास किया है़ पिता स्व मंगल टुडू व मां लुखी मरांडी के पुत्र जोसेफ मसलिया उच्च विद्यालय से प्रथम श्रेणी में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण किया है.

तीन सौ की आबादी में मात्र एक स्कूल : पहाड़ी पर बसा चुआपानी गांव की आबादी लगभग तीन सौ की है. गांव में एक मात्र स्कूल उत्क्रमित मध्य विद्यालय है. जहां से जोसेफ वर्ग अष्टम तक की पढ़ाई कर मसलिया उच्च विद्यालय में दाखिला लिया और काफी मेहनत कर चुआपानी से मसलिया आना जाना कर यह सफलता पायी. जोसेफ आगे भी पढ़ना चाहता है़ इसके लिए वह अपने शिक्षक लखीश्वर मरांडी को आदर्श मानता है़ कहा कि मैट्रिक तक पढ़ने के लिए लखीश्वर मरांडी के अलावा सीआरपी दयामय मांझी व श्यामल लायेक ने भी उसे प्रेरित किया है़

श्री टुडू के मैट्रिक पास करने से परिवार के लोगों के अलावा गांव के लोगों में भी काफी खुश देखी जा रही है. जोसेफ की मां अपने पुत्र की सफलता पर फुले नहीं समा रही है. वहीं लोग अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए जागरूक हो रहे हैं.

गांव में स्कूल कक्षा पांच की

गांव से 12 किमी दूर जाकर पढ़ी नौवीं व दसवीं

जोसेफ को नौवीं व दसवीं की पढ़ाई के लिए मसलिया उच्च विद्यालय जाना पड़ता था जो चुआपानी से करीब 12 किमी दूर है.चुआपानी से मसलिया तक जाने के लिए न तो सड़क है और न ही किसी प्रकार का कोई साधन है. पगडंडी के सहारे ही रोजाना स्कूल जाकर जोसेफ ने अपनी पढ़ाई पूरी की.

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