नई दिल्ली। मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना जनधन के तहत क्लेम के मामले काफी कम आ रहे हैं। मनीभास्कर को मिली जानकारी के अनुसार बीमा कंपनियों ने अभी तक क्लेम के केवल 172 मामलों का निपटारा किया है। जबकि योजना के तहत 15 करोड़ लोगों के खाते खोले जा चुके हैं।
बैंकों और बीमा कंपनियों के अनुसार क्लेम के मामले कम आने की एक प्रमुख वजह क्लेम की प्रक्रिया जटिल होना है। साथ ही उसके प्रति जागरूकता कम होना है। इस वजह से पात्र व्यक्ति भी क्लेम के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
क्लेम के 332 आवेदन
वित्त मंत्रालय के अनुसार 15 अप्रैल 2015 तक जीवन बीमा के लिए 158 और दुर्घटना बीमा के लिए 174 आवेदन किए गए। जिसमें से दुर्घटना बीमा के 79 और जीवन बीमा के 93 मामले निपटाए गए हैं। जनधन योजना के तहत खाताधारक को एक लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर और लाइफ इंश्योरेंस पर 30 हजार रुपए का बीमा कवर मिल रहा है।
8.7 करोड़ लोगों के बाहर होने का भी खतरा
बीमा का लाभ लेने के लिए जरूरी है कि खाताधारक अपने रुपे कार्ड से खाता खुलने के 45 दिन के अंदर कम से कम एक बार उसका इस्तेमाल करें। पंजाब नेशनल बैंक के एक अधिकारी के अनुसार अगर खाताधारक के खाते में जीरो बैलेंस है, तो वह रूपे डेबिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं करेगा। जिसकी वजह से उसे बीमा का लाभ नहीं मिलेगा।
वित्त मंत्रालय के अनुसार इस समय जनधन खातों के तहत 58 फीसदी खातों में जीरो बैलेंस है। जिसका मतलब है कि करीब 8.7 करोड़ खाताधारक बीमा का लाभ लेने से वंचित हो सकते हैं। ऐसा इसलिए है कि अगर रूपे कार्ड धारक ने अपने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल पहले 45 दिन बैलेंस चेक करने के लिए भी नहीं किया, तो फिर वह बीमा का लाभ नहीं ले पाएगा।
क्लेम लेने की प्रक्रिया जटिल
जनधन योजना के तहत जीवन बीमा कवर देने वाली कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मनीभास्कर को बताया कि क्लेम के मामले काफी कम आ रहे हैं। इसकी एक प्रमुख वजह उसकी प्रक्रिया है। क्लेम केवल रूपे कार्ड धारक को ही मिलेगा। उसके लिए खाताधारक को खाता खुलने के 45 दिन के अंदर कम से कम एक बार उसका रूपे कार्ड का इस्तेमाल करना अनिवार्य है। यदि उसने ऐसा नहीं किया है, तो रूपे कार्ड होने के बावजूद उसके नामित को क्लेम नहीं मिलेगा। इसके अलावा क्लेम के लिए खाताधारक के नामित को बैंक के पास आवेदन करना होगा। जो कि फिर बीमा कंपनी के पास क्लेम का आवेदन भेजेगा।