वर्ल्ड बैंक ने कहा कि बिहार में प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार में सबसे बड़ी बाधा में से एक है. इन शिक्षकों की संख्या 2020 तक छह लाख के पार पहुंचने की संभावना है. हालांकि, वर्ल्ड बैंक ने कहा कि राज्य की क्षमता प्रतिवर्ष 5000 से भी कम शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की है जबकि उसे प्रति वर्ष इससे दस गुणा अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है.
वर्ल्ड बैंक ने कहा कि बिहार में अध्यापकों की संख्या हाल में बढ़ने से अनुकूल माहौल में शिक्षकों को प्रशिक्षित करना और बड़ी चुनौती बन गया है. वर्ल्ड बैंक के भारतीय मामलों के निदेशक ओन्नो रह्ल ने कहा, बिहार में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए यह जरुरी है कि उच्च गुणवत्ता वाले अध्यापकों की संख्या बढ़ाने के लिए एक मजबूत प्रणाली हो. उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम शिक्षकों के प्रशिक्षण, प्रदर्शन और जवाबदेही पर ध्यान केंद्रित करके उन्हें वह कौशल और ज्ञान मुहैया करायेगा जिसकी उन्हें कक्षा में अधिक प्रभावी बनने के लिए आवश्यकता है. इस कार्यक्रम से बिहार के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में करीब चार लाख 50 हजार अध्यापकों को लाभ पहुंचने की उम्मीद है.