दफ्तर सील के बजाय काम पर ध्यान दें: चीफ जस्टिस जी. रोहिणी और जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने कहा कि ‘सरकार कामकाज के बजाए अधिकारी के दफ्तर सील करने में लगी है।’ पीठ ने कहा कि सरकार को अधिकारी के दफ्तर सील करने के बजाय कामकाज पर ध्यान देना चाहिए। हाईकोर्ट की यह टिप्पणी इस मायने में बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर सोमवार को प्रधान सचिव (सेवाएं) अनिंदो मजूमदार के दफ्तर को सील कर दिया गया। पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने सड़कों और फुटपाथ को विकलांगों के लिए सुविधाजन बनाने मसले पर जवाब देने के लिए वक्त मांगा।
सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि उनके पास करीब नौ हजार फाइलें हैं और मामले में जवाब देने के लिए वक्त चाहिए। इस मामले में जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को भी पीठ ने आड़े हाथ लिया।
राष्ट्रपति से उपराज्यपाल की शिकायत: दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच छिड़ी जंग मंगलवार को राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गई। दिल्ली में क्षेत्राधिकार के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शाम को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिले। इस दौरान उन्होंने उपराज्यपाल नजीब जंग की शिकायत लगाई। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘हमने राष्ट्रपति से कहा कि उपराज्यपाल जिस तरह सरकार को बायपास कर सीधे आदेश दे रहे हैं। ऐसा लगता है कि जैसे यह राष्ट्रपति शासन है। लोकतंत्र के लिए एलजी का दखल देना सही नहीं है। इस दौरान राष्ट्रपति ने हमारी शिकायतों पर गौर करने का आश्वासन दिया है। इससे पहले उपराज्यपाल नजीब जंग ने तबादले, पोस्टिंग से जुड़े विवाद को लेकर राष्ट्रपति से बात की।