केंद्र सरकार ने पंडित मदन मोहन मालवीय शिक्षक एवं शिक्षण मिशन के तहत योग्य शिक्षक तैयार करने की योजना तैयार की है। इसके तहत, देश में करीब सौ उच्च स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना होगी। साथ ही शिक्षकों के लिए नए कोर्स शुरू किए जाएंगे।
हालांकि, सरकार ने पिछले बजट में इस मिशन को शुरू करने की घोषणा की थी। इसके लिए पांच सौ करोड़ का प्रावधान भी रखा था, लेकिन अब इस पर अमल करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय की योजना के तहत 30 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षा विभाग स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए प्रत्येक विवि को सरकार करीब 12 करोड़ देगी। भविष्य में एमबीए की तर्ज पर शिक्षकों के लिए भी मास्टर इन एजुकेशन मैनेजमेंट जैसे कोर्स शुरू हो सकेंगे।
ये केंद्र खुलेंगे: मंत्रालय के अनुसार, 25 टीचिंग लर्निग सेंटर, 20 फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर, पांच सेंटर फॉर एक्सलेंस साइंस एंड मैथमेटिक्स एजुकेशन, टीचर एजुकेशन के लिए दो इंटर यूनिवर्सिटी केंद्रों की स्थापना, पांच इंस्टीट्यूट ऑफ एकेडमिक लीडरशिप एंड एजुकेशन मैनेजमेंट सेंटर, नेशनल रिसोर्स सेंटर आदि खोले जाएंगे। ये केंद्र या तो विश्वविद्यालयों में खुलेंगे या स्वतंत्र केंद्र के रूप में स्थापित होंगे।
नए कोर्स भी होंगे शुरू
केंद्रीय विवि के शिक्षा विभागों द्वारा शिक्षक तैयार करने के लिए सात नए कोर्स शुरू करने की भी तैयारी है। इनमें मास्टर इन एलीमेंट्री एजुकेशन, बैचलर एंड मास्टर इन सेकेंडरी एजुकेशन, बैचलर एंड मास्टर इन अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन, एडवांस डिप्लोमा इन एजुकेशन मैनेजमेंट, मास्टर इन एजुकेशन स्टडीज शामिल हैं। ये कोर्स एनसीटीई के मानकों के अनुरूप होंगे।
अलग केंद्रों भी स्थापना
विश्वविद्यालयों के शिक्षा विभागों को अलग से केंद्रों की स्थापना भी करनी होगी। इसमें सेंटर फॉर प्री सर्विस टीचर एजुकेशन, करिकुलम रिसर्च, पॉलिसी एंड एजुकेशन डेवलपमेंट, सेंटर फॉर टीचिंग इंग्लिश लैंग्वेज, सेंटर फॉर प्रोफेशनल डेवलपमेंट, सेंटर फॉर टीचर रिसोर्सेज आदि शामिल होंगे। इनके जरिए सेवारत शिक्षकों को भी प्रशिक्षण देने का काम हो सकेगा।