आत्महत्या करनेवाले किसानों के आश्रितों को मिलेंगे चार लाख

पटना: सूबे के वैसे किसान जो आत्महत्या कर रहे हैं उनके परिवारों के लिए राज्य सरकार ने नीति तैयार की है. इसी महीने तैयार हुई नीति को इसी वित्तीय वर्ष एक अप्रैल, 2014 से लागू कर दिया गया है. इसकी जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी. जनता दरबार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि इसके लिए संबंधित जिलों के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी सबसे पहले प्रभावित परिवार की मदद करेगी. उस परिवार को सबसे पहले पारिवारिक मदद की जायेगी.

चार लाख की अनुग्रह राशि मृतक किसान की पत्नी के नाम पर फिक्स डिपोजिट किया जायेगा, जिससे हर महीने उन्हें कुछ राशि मिल सके. इसके अलावा मृतक किसान की पत्नी को विधवा पेंशन दी जायेगी. अगर किसान ने कर्ज ले रखा होगा, तो उसकी पूरी छानबीन कर एक लाख रुपये तक का सेटेलमेंट किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि यह स्कीम पूरी तरह आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा संचालित होगी. ऐसे मामलों में अलग-अलग राज्यों में जो स्कीम लागू है उसका अध्ययन किया गया, इतनी राशि किसी भी राज्य में नहीं दी जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं तो पता लगाया जायेगा कि किस कारण से उन्होंने आत्महत्या की. अगर धान था तो पैक्स ने क्यों नहीं लिया? किस दबाव में उसने यह कदम उठाया, इस पर प्रशासनिक व क्रिमिनल रूप से कार्रवाई होगी. सरकार का मकसद एक्शन के साथ-साथ पीड़ित को लाभ देना और ऐसी घटना से बाकी को सबक मिले यह सुनिश्चित करना है.

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