तुगलकी फरमान : मजदूरी करने पर महिलाओं को पड़ेंगे सौ कोड़े

जिले के पीपलीखेड़ा गांव में रविवार को पंचायत ने तुगलकी फरमान जारी कर नट समाज की महिलाओं के घर से बाहर निकल मेहनत-मजदूरी करने पर रोक लगा दी। इसे न मानने पर सौ कोड़े खाने और एक लाख रुपये का जुर्माना देने का भी एलान किया है।

पीपलीखेड़ा में नट जाति के करीब सौ परिवार रहते हैं। आधुनिकता की दौड़ में समाज की पारिवारिक परंपरा कला व करतब को ग्रहण लग गया है। परिवार की जीविका चलाने को महिलाओं ने घर से निकलकर मेहनत-मजदूरी करने की ठानी तो समाज के ठेकेदारों ने विरोध शुरू कर दिया।

प्रेमवती, गीता, पिंकी, ओमवती आदि ने बताया कि कुछ दिनों से वे पास की निर्माणाधीन मीट फैक्ट्री और मकानों पर मजदूरी कर बच्चों की परवरिश कर रही थीं। समाज के स्वयंभू ठेकेदारों ने उनका विरोध शुरू कर दिया। उनके घर से बाहर निकलने पर बंदिश लगा दी। हुक्म नहीं माना तो आरोपियों ने कोड़े बरसाकर दंडित किया। थाने में न्याय की गुहार लगाई तो पुलिस उन्हें टरकाने में जुट गई।

रविवार को बस्ती में फिर समाज के ठेकेदारों की पंचायत हुई और तालिबानी फरमान सुनाते हुए उनके घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई। पुलिस से शिकायत करने पर प्रति व्यक्ति 10 हजार रुपये और जुर्माना भी लगाया, जिसे न देने पर बस्ती छोड़ने का फरमान सुना दिया।

पूर्व प्रधान जहरूद्दीन ने बताया कि इस मामले को लेकर पीड़ित महिलाएं उनके पास आई थीं। उन्होंने थाने पर आरोपियों के खिलाफ तहरीर दिलाई, लेकिन कार्रवाई की जगह उन्हें मायूसी मिली।

खरखौदा थाना के एसओ मनोज का कहना है कि यह बड़ा मामला नहीं, बल्कि नट समाज की आपसी बातें हैं, जांच कराएंगे।

 

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