नईदुनिया ने किचन शेड निर्माण में बरती गई लापरवाही की खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था। इसमें 6 करोड़ 30 हजार रुपए को दो साल तक एक निजी बैंक में जमा रखने का मामला सामने आया था। इसमें तीन डीईओ की भूमिका संदिग्ध थी। राज्य शासन ने इस मामले में जांच प्रतिवेदन मांगा था। इसके बाद निजी बैंक से रकम निकालकर सरकारी बैंक में जमा कर दी गई। वर्तमान में 3 करोड़ रुपए बलरामपुर व रायगढ़ जिले के सरकारी स्कूलों में किचन शेड निर्माण के लिए जारी कर दी गई है। वहीं तीन करोड़ रुपए का उपयोग यहां के सरकारी स्कूलों में किचन शेड निर्माण के लिए किया जाएगा। मालूम हो कि जिले कीप्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन योजना संचालित है। ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में मौके पर ही भोजन तैयार किया जाना है। इसके लिए जिले के 2699 स्कूलों में किचन शेड निर्माण स्वीकृत किया गया है। इसके लिए प्रति स्कूल 60-60 हजार रुपए प्रदान किया जाना था। वर्ष 2010-2011 में राज्य शासन ने इसके लिए जिले को 6 करोड़ 30 हजार रुपए प्रदान किए थे।
अफसरों पर मेहरबानी
किचन शेड की राशि को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आहरित कर जिला पंचायत को दिया जाना था। हालांकि प्रथम किश्त जिला पंचायत को मिल गई थी, लेकिन तत्कालीन शिक्षा अधिकारी के कार्यकाल में 6 करोड़ 30 हजार रुपए को जिला पंचायत को दिया जाना छोड़ एक्सिस बैंक जमा करा दिया गया। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने दो साल तक इस राशि के आहरण की ओर ध्यान ही नहीं दिया। ऑडिट होने पर यह गड़बड़ी उजागर हुई। इसके कारण जिले में अधिकांश स्कूलों में किचन शेड निर्माण का काम अभी भी अधूरा है। इसके बाद भी किसी भी जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई तो दूर मामले की जांच तक नहीं कराई गई है।
3 करोड़ रुपए बलरामपुर और रायगढ़ जिले को प्रदान किए गए हैं। शेष राशि का उपयोग यहां पर किचन शेड निर्माण में किया जाएगा।
हेमंत उपाध्याय
जिला शिक्षा अधिकारी, बिलासपुर