नगर निगम सहित जिले के नगरीय निकायों में नियमित सफाई कर्मचारियों की स्थिति तो कमोबेश अच्छी है। उन्हें नियमित वेतन भी मिलता है। उनके अलावा जिले में ऐसे सफाई कामगारों की तादात भी अच्छी खासी है, जो या तो ठेकेदारी में काम करते हैं या किराए पर काम करते हैं। उनमें से अधिकांश की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। असंगठित होने के चलते अब तक उनका सही आंकड़ा और आर्थिक स्थिति का व्यवस्थित रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। ऐसे में शासन ने उनकी दशा सुधारने का बीड़ा उठाया है। इसमें असंगठित मजदूरों के लिए चलने वाली योजनाओं को ही समानांतर चलाया जाएगा। एक जैसी योजना होने के बाद भी इसमें कई बदलाव किए गए हैं। इसमें खास यह है कि असंगठित कर्मकारों व श्रमिकों की तरह पंजीयन तो होगा, लेकिन यह काम श्रम विभाग की जगह पंचायतों और नगरीय निकायों में होगा। इसके साथ ही फंड भी अलग से जारी किया गया है। इसमें प्रदेश के 4 जिलों को 2015-16 के लिए सबसे अधिक 34 लाख रुपए जारी किया गया है। इसमें बिलासपुर जिला भी शामिल है।
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इन योजनाओं का मिलेगा लाभ
पंजीकृत सफाई कामगारों के दो बच्चों को इंजीनियरिंग या मेडिकल की पढ़ाई के लिए 1 हजार से 15 हजार रुपए तक की छात्रवृत्ति दी जाएगी। इसी तरह 10 वीं में अध्ययनरत दो बच्चों को इंजीनियरिंग, चिकित्सा, सीए, एमबीए सहित अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए विशेष कोचिंग की व्यवस्था की जाएगी। पंजीकृत सफाई कामगारों के परिवार के 4 सदस्यों को बाह्य रोगी चिकित्सा के लिए 2 हजार रुपए तक की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके साथ ही प्रसूति सहायता के रूप में गर्भधारण के पहले तीन महीने में 42 सौ रुपए और तीसरी तिमाही यानी 8 वें माह में 28 सौ रुपए और पितृत्व अवकाश के रूप में 3 हजार रुपए दिए जाएंगे।
पुनर्विवाह में भी मदद
सफाई कामगारों के लिए विवाह योजना भी बनाई गई है। इसमें पंजीकृत महिला कर्मकार के खुद के विवाह के लिए 15 हजार रुपए तो मिलेगा। इसके साथ ही एक बार पुनर्विवाह करने पर भी उसे योजना का लाभ मिल सकेगा। इसी तरह दो बेटियां चाहे वह खुद की संतान हो या गोद ली हुई हो, दोनों ही स्थिति में योजना का लाभ मिलेगा।
शुरुआत करेगा श्रम विभाग
योजना का खाका श्रम विभाग की ओर से बनाया गया है। वहीं, पंजीयन और योजना संचालन की जिम्मेदारी निकायों और पंचायतों को दी गई है। श्रम विभाग का स्टाफ ही सफाई कामगारों का आंकड़ा इकठ्ठा करने का पूरा काम करेगा। इसके बाद सूची संबंधित निकायों व पंचायतों को सौंप दी जाएगी।
असंगठित कर्मकारों और श्रमिकों की तर्ज पर सफाई कामगारों के लिए नई योजनाएं शुरू की गई है। इसके लिए जिले को 34 लाख रुपए का आवंटन भीहो चुका है। इसमें सारी जिम्मेदारी निकायों व पंचायतों को करना है।
दीपक पांडेय, श्रम पदाधिकारी