इस सूची में विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है और इससे स्पष्ट है कि मौजूदा वैश्विक कारोबार परिदृश्य में अमेरिका और चीन प्रभुत्व की स्थिति में है। लगातार दूसरे साल शीर्ष एक से 10 कंपनियों में दोनों देशों का ही स्थान रहा।
फोर्ब्स ने कहा कि पहली बार चीन के चार सबसे बड़े बैंक शीर्ष चार स्थानों पर हैं। चीन में विश्व की 232 सबसे बड़ी कंपनियां हैं और यह पहली बार जापान को पार कर अन्य देशों से आगे बढ़ गया है। इधर 218 कंपनियों के साथ जापान तीसरे स्थान पर आ गया। भारत ने पिछले साल की सूची में दो और कंपनियां जोड़ीं।
रिलायंस इंडस्ट्रीज इस सूची में 142वें स्थान पर है जो पिछले साल के 135वें स्थान से नीचे है। रिलायंस का बाजार मूल्यांकन 42.9 अरब डालर और बिक्री 71.7 अरब डालर रहा। रिलायंस के बाद भारतीय स्टेट बैंक बैंक का स्थान रहा, जो 152वें स्थान है और उसका बाजार मूल्यांकन 33 अरब डालर है।
जिन अन्य भारतीय कंपनियों से इस सूची में जगह बनाई उनमें ओएनजीसी (183), टाटा मोटर्स (263), आईसीआईसीअई बैंक (283), इंडियन आयल (349), एचडीएफसी बैंक (376), एनटीपीसी (431), टीसीएस (485), भारती एयरटेल (506), एक्सिस बैंक (558), इन्फोसिस (672), भारत पेट्रोलियम (757), विप्रो (811), टाटा स्टील (903) और अडाणी एंटर प्राइजेज (944) शामिल हैं।
इस साल की ग्लोबल 2000 कंपनियां 61 देशों से हैं, इनकी आय 3,900 अरब डॉलर है, मुनाफा 3,000 अरब डॉलर, परिसंपित्त 1,62,000 अरब डॉलर और बाजार मूल्यांकन 48,000 अरब डॉलर है। फोर्ब्स ने कहा कि बाजार में तेजी के कारण ग्लोबल 2000 कंपनियों का कुल बाजार मूल्यांकन सालाना स्तर पर नौ प्रतिशत बढ़ा।
ब्रिटेन 95 कंपनियों के साथ चौथे स्थान पर रहा। यूरोप ने कुल मिलाकर 20 स्थान खोए और इस साल इस सूची में उसकी 486 कंपनियां रही और एशिया (691) और उत्तरी अमेरिकी (645) से पीछे रही। फ्रांस शीर्ष पांच देशों में शामिल नहीं हो पाया और यह स्थान दक्षिण कोरिया को मिला, जबकि अर्जेंटीना और सायप्रस ने इस साल पहली बार इस सूची में अपनी जगह बनाई।
इस सूची में 200 नई कंपनियां हैं, जिसमें यात्रा कंपनी एक्सपीडिया और लग्जरी जेवरात खुदरा विक्रेता टिफनी जैसे कुछ लोकप्रिय नाम शामिल रहे। फोर्ब्स ने कहा कि इस सूची में सबसे अधिक बढ़त हासिल करने वाली कंपनियों में फेसबुक शामिल रही जिसने अपनी आय और मुनाफे की मदद से 200 स्थानों की छलांग लगाई।