7500 करोड़ मिलेंगे तो ही किसानों को मिलेगी राहत

केंद्र सरकार जहां किसानों के लिए मांगी गई मुआवजा राशि को कम करने का दबाव बना रही है, वहीं इस मुद्दे पर राज्य सरकार कोई भी समझौता करने के लिए तैयार नहीं। बृहस्पतिवार को राज्य सरकार ने केंद्र को 7500.89 करोड़ रुपये की मांग का संशोधित मेमोरेंडम भेज दिया।

इसमें प्रभावित जिलों की संख्या भी 67 से बढ़ाकर 73 बताई गई है। पिछले मेमोरेंडम में केंद्र सरकार से 6678 करोड़ रुपये मांगे गए थे।

बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार को संशोधित मेमोरेंडम की सॉफ्ट कॉपी ई-मेल के माध्यम से भेज दी गई, जबकि हार्ड कॉपी दिल्ली तक पहुंचने में दो-तीन दिन का वक्त लग जाएगा। संशोधित मेमोरेंडम में कहा गया है कि रबी की फसल कुल 126.3 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोई गई थी।

मार्च-अप्रैल में हुई बेमौसम बारिश और ओलों से 58.60 लाख हेक्टेयर रकबे में 33 फीसदी या उससे ज्यादा फसल मारी गई है। केंद्र सरकार के मानकों के तहत दो हेक्टेयर तक के लघु और सीमांत किसानों को मुआवजा देने के लिए 6228.33 करोड़ रुपये चाहिए, जबकि दो हेक्टेयर से ज्यादा जमीन वाले किसानों के लिए 1268.47 करोड़ रुपये की जरूरत है। केंद्र सरकार से कुल 7500.89 करोड़ रुपये मांगे गए हैं।इसके अलावा 2500 करोड़ रुपये राज्य सरकार अपने खजाने से किसानों को बतौर मुआवजा बांटेगी। यहां बता दें कि इससे पहले भेजे गए मेमोरेंडम में राज्य सरकार ने 67 जिले प्रभावित दिखाते हुए 6678 करोड़ रुपये केंद्र से मांगे थे।

कुल 54.358 लाख हेक्टेयर में 33 प्रतिशत या इससे अधिक का नुकसान बताया गया था। इस पर केंद्र ने आपत्ति लगाई थी कि शुरुआती रिपोर्ट में 31 जिले प्रभावित बताए गए थे, मेमोरेंडम में अचानक इनकी संख्या 67 कैसे हो गई है।

प्रमुख सचिव (राजस्व) सुरेश चंद्रा के मुताबिक, इन आपत्तियों का जवाब भी भेज दिया गया है। जवाब में कहा गया है कि मार्च-अप्रैल में कई बार बारिश हुई और हर बार की बारिश ने ही नए क्षेत्रों को अपनी जद में ले लिया।

शुरुआती सर्वे 50 प्रतिशत नुकसान के पुराने मानकों के आधार पर तैयार किया गया था, जबकि नए मानकों में 33 प्रतिशत नुकसान वाले रकबे को शामिल कर लेने से रकबे के साथ-साथ मुआवजे की राशि भी बढ़ गई।

प्रमुख सचिव राजस्व का कहना है कि केंद्र को संशोधित मेमोरेंडम भेज दिया गया है। 7500.89 करोड़ रुपये एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड) से मांगे हैं। इसके अलावा कुला 2500 करोड़ रुपये राज्य सरकार को देने होंगे, जिसमें से 1435 करोड़ रुपये राज्य सरकार अब तक जिलों को आवंटित कर चुकी है। 23 लाख किसानों को 1040 करोड़ रुपये की धनराशि वितरित की जा चुकी है।

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