बेमौसम बारिश से फसल खराब होने के बाद किसानों के आत्महत्या की घटनाएं बढ़ गई हैं। इस पर सरकार द्वारा उनकी मदद किए जाने के बजाय हरियाणा के कृषी मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ऐसे कायर और अपराधी लोगों के साथ नहीं है।
धनखड़ मंगलवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उनका कहना था कि आत्महत्या अपराध की श्रेणी में आती है। आत्महत्या को किसी सूरत में बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए। कृषि मंत्री के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर ने कहा कि किसान फसल बर्बाद होने व कर्ज से परेशान हैं और वे किसानों को कायर बता रहे हैं।
धनखड़ ने कहा कि यह बड़े अफसोस की बात है कि हाल ही दिल्ली में एक राजनीतिक दल ने तो एक किसान का पॉलिटिकली मोटिवेटेड मर्डर करवा दिया। यह कैसे संभव है कि जहां एक राज्य का मुख्यमंत्री, पूरी सरकार और हजारों की संख्या में लोग तथा पुलिस फोर्स तैनात हो, वहां कोई व्यक्ति आत्महत्या कर ले।
वहीं इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसानों को खरीफ की फसल के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के ब्याज रहित ऋण दिलाने का फैसला लिया था। इन ऋणों की ब्याज राशि का खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी। चार प्रतिशत की ब्याज दर पर किसानों को बैंकों द्वारा यह ऋण दिए जाते हैं।