प्रताड़ना की शिकार महिलाओं को आसरा देगी छत्‍तीसगढ़ सरकार

गंगेश द्विवेदी, रायपुर। हादसे या प्रताड़ना की शिकार होने वाली महिलाओं को तात्कालिक सहायता पहुंचाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग प्रदेश के हर जिला मुख्यालय में एक भवन का निर्माण करेगा। इसकी शुरुआत राजधानी रायपुर से हो रही है। पूरे देश में यह पहला वन स्टॉप सेंटर है, जिसका निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

48 लाख की लागत से जिला अस्पताल के पास भवन का निर्माण करीब 1500 वर्गफीट एरिया में किया जा रहा है। भवन के दो तल में ऐसी महिलाएं जो किसी भी तरह की प्रताड़ना का शिकार होती हैं, उन्हें अस्थायी रूप से रखा जाएगा। पांच बिस्तरों वाले इस निर्माणाधीन सेंटर की स्थापना के बाद जरूरतमंद महिलाओं के शारीरिक और मानसिक उपचार की व्यवस्था की जाएगी।

एक माह में पूरा होगा काम

वन स्टॉप केंद्र का निर्माण एक महीने में पूरा होने की संभावना है। निर्माण पूरा होने के बाद इसका लोकार्पण किया जाएगा। यहां रहने वाली महिलाओं की सेवा के लिए स्टॉफ की व्यवस्था महिला एवं बाल विकास विभाग करेगा। केंद्र ने महिलाओं की मदद के लिए निर्भया केंद्र स्थापित करने की घोषणा की थी। इसी कड़ी में केंद्र ने रायपुर सहित देश के 20 जगह वन स्टॉप सेंटर स्थापना की मंजूरी दी।

सर्वाधिक प्रताड़ना रायपुर में

महिला प्रताड़ना के मामले में सर्वाधिक शिकायतें राज्य महिला आयोग में रायपुर में दर्ज कराई गई हैं। सबसे कम शिकायत सुकमा मेें दर्ज की गई है। आयोग से मिले आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2013- 14 में सर्वाधिक 1557 शिकायतें रायपुर में दर्ज की गईं। इनमें से 1332 मामलों का निराकरण हो गया, जबकि 225 मामले लंबित हैं।

सुकमा में इस दौरान केवल 3 शिकायतें मिलीं, जिनमें से दो का निराकरण हो गया, केवल एक लंबित है। राजधानी रायपुर में शुरू होने वाला वन स्टॉप केंद्र प्रदेश सहित देश के लिए मॉडल के रूप में काम करेगा।अगले छह महीने तक यहां आने वाली महिलाओं की सेवा और चिकित्सा की व्यवस्था के जरिए फीडबैक तैयार किया जाएगा। इस फीडबैक के हिसाब से व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।

इनका कहना है

वन स्टॉप केंद्र देश का पहला भवन है जहां प्रताड़ना के बाद महिलाओं के अस्थायी रूप से रहने व इलाज कराने की व्यवस्था मुफ्त की जाएगी। निर्भया केंद्र की तर्ज पर यहां किसी भी तरह की प्रताड़ना की शिकार महिला को

रखकर उसका इलाज किया जाएगा।

– दिनेश श्रीवास्तव, सचिव, महिला बाल विकास

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