गजेंद्र सुसाइड : केजरीवाल की मांफी से नहीं लौटेगा मेरा बेटा

जयपुर। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की रैली में बुधवार को पेड़ पर चढ़कर फांसी लगाने वाले राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की मौत पर मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 48 घंटे बाद सफाई दी। शुक्रवार को उन्‍होंने कहा कि मुझे रैली रोक देनी चाहिए थी, भाषण देना गलती थी। मैंने वैसा नहीं किया, इसलिए खुद को दोषी मान रहा हूं। मंच से पेड़ पर क्‍या चल रहा है कुछ दिख नहीं रहा था। हालांकि, कुमार विश्‍वास ने मंच से किसान से नीचे उतारे जाने की अपील की थी।

केजरीवाल के इस बयान के बाद गजेंद्र सिंह के पिता बने सिंह ने कहा कि दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री के मांफी मांगने से मेरा बेटा वापस नहीं आ जाएगा। उन्‍हें शर्म आनी चाहिए। इतनी बड़ी घटना हो गई और वह मांफी मांग रहे हैं। वह कैेसे सरकार चला रहे हैं। गजेंद्र के तीन बच्‍चे हैं, उनकी देखभाल कौन करेगा।

केजरीवाल ने कहा था कि किसानों को मुआवजा हासिल करने के लिए किसी मुख्‍यमंत्री की दयादृष्‍िट पर आश्रित नहीं होना चाहिए। इसके लिए पूरे देशभर में एक नी‍ति होनी चाहिए, ताकि किसानों की आत्‍महत्‍या की घटना पर रोक लग सके। इस मुद्दे पर राजनीति नहीं करते हुए हल निकालने की दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए। वहीं, गजेंद्र के परिजनों ने आप संयोजक व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूरी तरह से घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

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भाई बिजेंद्र सिंह ने दावा किया कि आप नेता मनीष सिसोदिया के बुलावे पर गजेंद्र दिल्ली रैली में शामिल होने गया था। हालांकि, यह नहीं पता कि उन्होंने सिसोदिया को फोन किया था या उन्हें फोन आया था। बहन रेखा ने सुसाइड नोट पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसकी हैंडराइटिंग गजेंद्र की नहीं है।

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दादा गिरधारी सिंह ने कहा कि लोगों ने गजेंद्र को पेड़ पर क्यों चढ़ने दिया? आप के कार्यकर्ताओं ने इसमें मदद की। वहीं, किसान के बहनोई सुरेंद्र सिंह का कहना है कि गजेंद्र मजबूत इरादों वाला शख्स था। वह फसल को पहुंचे नुकसान के कारण परेशान था। ऐसा लगता है कि किसी ने उसे रैली में उकसाया था।

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