गुजरात के 77 गांवों में दलितों के मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध

अहमदाबाद। राज्य में भाजपा द्वारा मंगलवार को डॉ. बाबासाहेव अंबेडकर की 125 वीं जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई गई वहीं दूसरे ही दिन नवसर्जन ट्रस्ट द्वारा जारी एक रिपोर्ट में गुजरात के 77 गांवों में दलितों की स्थिति दयनीय होने का खुलासा हुआ है।

इन गांवों में दलितों का सामाजिक बहिष्कार किया गया है। इतना ही नहीं दलितों का मंदिरों में प्रवेश पर प्रतिबंध है। जिससे मजबूर होकर दलितों को यहां से पलायन करना पड़ा है। गुजरात हाईकोर्ट ने भी इस पर नाराजगी व्यक्त की है।

भाजपा सरकार द्वारा गुजरात में दलितों के उद्धार की बातें की जाती hain। परंतु वास्तविकता कुछ और है। नवसर्जन ट्रस्ट की रिपोर्ट के अनुसार राज्य के भावनगर, आणंद, पाटण, अहमदाबाद, राजकोट, मेहसाणा, सुरेन्द्रनगर, बनासकांठा, वड़ोदरा, पोरबंदर, अमरैली, गीर सोमनाथ, साबरकांठा और खेडा जिले के गांवों में दलित परिवारों का सामाजिक बहिष्कार किया गया है । इन्हें गांव के कुंए में से पानी नहीं भरने दिया जाता।

दलितों को मजदूरी का काम नहीं दिया जाता। अगर कोई दलित परिवार के साथ व्यवहार रखता है तो उसे दंड दिया जाता है। वहीं 77 गांव ऐसे हैं जहां दलित परिवार को मंदिरों में प्रवेश नहीं दिया जाता है। जबकि 109 गांव ऐसे हैं जहां दलितों को पुलिस सुरक्षा के तहत जीवन यापन करना पड़ रहा है। ऐसी दयनीय स्थिति के कारण कई दलित परिवारों को गांवों से पलायन कर शहर आना पड़ा है।

नवसर्जन ट्रस्ट ने इस मामले में नेशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन को लिखित शिकायत की है। परंतु कोई हल नहीं निकलने से अब इस मुद्दे को हाईकोर्ट में चुनौती देने की तैयारी की गई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *