जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष संयुक्ता प्रधान ने बताया कि सुकुरा मुदुली ने फरवरी में एक महिला सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता को अपना बच्चा बेच दिया था।
इस घटना की सूचना मिलने के बाद जिला कलेक्टर डी प्रशांत कुमार रेड्डी ने समति को इस बारे में जांच करने का निर्देश दिया। जांच के दौरान पाया गया कि गरीब दंपति सरकार की किसी भी गरीबी सुधार योजनाओं का लाभ नहीं ले रहे थे।
प्रधान के मुताबिक सुकुरा ने समिति के पास कहा कि वह अपनी बीमार पत्नी धुमुसी मुदुली के लिए दवा खरीदने में असमर्थ था। इसलिए उसने बच्चे को महिला को सौंप दिया जिसने उसे दवा खरीदने के लिए 700 रुपये दिए।