सरकारी तंत्र मुआवजे के नाम पर किसानों के साथ कितना बड़ा मजाक कर रहा है, उसकी पोल फैजाबाद का यह छोटा सा मिश्रित आबादी वाला गांव वाजिदपुर खोल रहा है। कब्रिस्तान के गाटे को खेती दिखाकर 100-100 रुपये के आठ चेक बना दिए।
खुद प्रधान के घर के दो सदस्यों को इंतकाल के बाद भी सौ-सौ रुपये के चेक थमा दिए गए। इनके अलावा दर्जनों किसान तो ऐसे हैं जिन्हें फूटी कौड़ी तक नहीं मिली।
बेमौसम बारिश और ओलों से बर्बाद हुई फसल के मिले मुआवजे पर किसान सवाल कर रहा है, जिस फसल को उसने खून पसीने से सींचा, उसकी कीमत सरकार ने महज सौ रुपये तक लगाई।
किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार राहत के पैमानों को बदलकर और मुआवजे की राशि बढ़ाकर वाहवाही लूट रही है, राज्य सरकार भी दोगुने मुआवजे का ऐलान कर सीना तानकर घूम रही है लेकिन हम क्यों पिस रहे हैं। किसान कह रहे हैं कि मुआवजे पर ऐसे मजाक से तो अच्छा है कि सरकार हमें मर जाने देती।
शासन से मिले चेक से किसान बेहद निराश और खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। कई किसान तो अपना चेक सीधे एसडीएम से लेकर मंत्रीजी के पास जा वापस करने की बात कर रहे हैं।