फसल बर्बादी की हताशा में 31 और किसानों की मौत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मौसम के उलटफेर से हुई फसलों की बर्बादी अब तक किसानों की अकाल मौत की वजह बनी हुई है। उजड़ी फसल और अपनों को खोने से गमजदा परिवार सांसत में हैं। आंधी-पानी से हुए नुकसान की कोई भरपाई होती न देख असहाय किसानों की या तो सदमे से मौत हो जा रही है या हताशा और निराशा में आत्महत्या कर रहे हैं। बीते 24 घंटे में प्रदेश में 31 और किसानों की मौत हो गई।

बांदा के बबेरू कस्बा निवासी पंकज तिवारी (20) ने खेत में बर्बाद फसल देख घर लौटने पर फांसी ली। जबकि साहूकारों के कर्ज से परेशान खुद को आग लगाने वाले जसपुरा के ग्राम नांदादेव निवासी सिद्धपाल (35) की उपचार के दौरान मौत हो गई।

इटावा के जसवंतनगर के गांव नगला इंछा में राजवीर सिह फांसी के फंदे पर झूल गया तो उन्नाव के आसीवन क्षेत्र के गांव चौधरी खेड़ा मजरे टिकाना में किसान सुंदर का शव गांव के बाहर पेड़ से झूलता मिला। मथुरा के नंदगांव में रणवीर और फीरोजाबाद के गांव पिलखतरा में दूमर सिंह ने फांसी लगा ली। इसके अलावा खेत पर बेहोश हुई महिला किसान शिशुपाली की बाद में मौत हो गई।

बुलंदशहर के गांव नगला शेखू में 65 वर्षीय किसान जगदीश शर्मा ने 30 बीघा गेहूं की फसल बर्बाद देख सदमे से दम तोड़ दिया। आगरा के गांव नगला दलसहाय में रामू, गांव अरदाया में विष्णु, रायभा में भूरा, कागारौल में केवला राम व फतेहाबाद में होतीलाल की फसल बर्बादी के बाद सदमे से मौत हो गई। मैनपुरी के पलिया में रामबाबू को भी फसल की आपदा लील गई।

कासगंज के ग्राम धंतोरिया में सुनहरी लाल ने शुक्रवार सुबह हार्ट अटैक से दम तोड़ा तो सहावर के गांव तारापुर में खेत पर अचेत होकर गिरे बिहारीलाल, बदायूं के बुधुआ नगला गांव में हरसहाय और शाहजहांपुर के गांव सिमरई में चंद्रपाल की भी सांसें थम गईं। सहारनपुर के गांव में फसल उजड़ने से दुखी कर्ज के बोझ से दबे गांव आसराखेड़ी निवासी सुरेंद्र ने खेत पर कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में मौत का कारण कर्ज बताया है।

भेलस्वा ईशापुर के किसान जगपाल ने भी सदमे से दम तोड़ दिया। अमेठी जिले के शाहगढ़ क्षेत्र मेंपूरे शीवन मजरे पनियार निवासी राजनरायण शुक्ल की मौत हो गई, जबकि खेतों पर गए सम्भल के गांव दुगावर में हरदेव सिंह और चंदौसी के गुरसरी में राजाराम, रामपुर के खेमपुर गांव में शांतिप्रसाद ने हार्टअटैक के बाद दम तोड़ दिया। हाथरस में सादाबाद के गांव नगला बबूल में हरचरन सिह भी फसल की बर्बादी नहीं सह सके और सदमे से मौत हो गई।

फैजाबाद के पटरंगा क्षेत्र में जुलाहन का पुरवा गांव निवासी किसान राम सिंह रावत शुक्रवार को खेत गए और गेहूं की बाली तोड़कर हाथ में लिया। इसके बाद अचेत हो गए और घर लाते समय रास्ते में ही मौत हो गई। औरैया के फफूंद क्षेत्र में प्रताप सिंह राजपूत (46) और इटावा के सैफई में अमृत सिह (60) भी सदमे से चल बसे।

जबकि मुरादाबाद के मूंढ़ापांडे क्षेत्र के वीरपुर थान निवासी शकील ने फसल कीबर्बादी से आहत होकर जहर खा लिया। जबकि मुरादाबाद के ही नवापुरा सैनी बस्ती निवासी रूपचंद और सम्भल तहसील क्षेत्र के परियावली गांव की रूपवती की सदमे से मौत हो गई।

इसके अलावा मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में भी एक किसान ने जहर पीकर जान दे दी। जबकि हरियाणा के जींद में किसान पवन (34) और बल्लभगढ़ में नेपाल सिह (58 वर्ष) की दिल का दौरा पड़ने से शुक्रवार को मौत हो गई।

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