उन्होंने कहा ‘‘मैं गरीबों, दलितों, आदिवासियों, पिछडों का विशेष तौर पर उल्लेख करना चाहता हूं जो भूमिहीन हैं. हम जो भूमि अधिग्रहण विधेयक ला रहे हैं उसके मुताबिक देश में औद्योगिक गलियारे स्थापित किए जाएंगे और जो पिछडे हैं.. 30 करोड भूमिहीन लोगों को रोजगार के मौके मिलेंगे.”
जेटली ने 20,000 करोड रपए की प्रधानमंत्री माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट रिफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) योजना शुरु करने के मौके पर कहा कि लोगों को रोजगार मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकता है और इस दिशा में पहल की जा रही है.
वित्त मंत्री ने कहा कि यह संस्थान देश की उस आबादी को कर्ज सुविधा पहुंचाने की कोशिश है जिन्हें अब तक यह सुविधा नहीं मिल पाई है. देश भर में 5.77 करोड सूक्ष्म एवं लघु उद्यमी हैं जिनकी संस्थागत रिण तक पहुंच नहीं है. जेटली ने कहा कि देश की करीब 20 प्रतिशत आबादी इन सूक्ष्म तथा लघु उद्यमियों पर निर्भर है.
उन्होंने कहा कि बजट में घोषणा होने के पांच सप्ताह के भीतर यह संस्थान बनाया गया है और मुद्रा बैंक पुनर्वित्त सूक्ष्म वित्त संस्थान (एमएफआई) के तौर पर काम करेगी. इसे सिडबी के माध्यम से शुरु किया जा रहा है बाद में यह अलग गैर-बैंकिंग वित्त संस्थाना के तौर पर काम करेगा.