नई दिल्ली। बेमौसम बारिश से फसलों के भारी नुकसान का संकट झेल रहे किसानों को सरकार ने मुआवजा राशि को बढ़ाकर डेढ़ गुना कर बड़ी राहत दी है। बारिश और ओलावृष्टि से बरबाद हुई फसल के लिए मुआवजे की राशि बढ़ा कर डेढ़ गुना करने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मुद्रा बैंक की लांचिंग के मौके पर की। साथ ही वह किसान भी हकदार होगें जिनकी 33 फीसदी फसल बारिश से बरबाद हुई है। अभी तक मुआवजे के लिए पात्रता का मानक 50 फीसदी फसल का बरबाद होना था। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने बैंकों और इंश्योरेंस कंपनियों से भी परेशान किसानों की मदद करने की अपील की। प्रधानमंत्री ने बैंकों को किसानों के कर्ज रिस्ट्रक्चर करने और इंश्योरेंस कंपनियों से क्लेम निपटान में तेजी लाने के लिए कहा।
ढेड़ गुना हुई मुआवजे की रकम, आकलन के नये प्रावधान
प्रदेश आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) नियमों के हिसाब से राज्य सरकार वर्षा सिंचित क्षेत्र के किसानों को 4,500 रुपए प्रति हेक्टेयर, सिंचित क्षेत्र में 9,000 रुपए प्रति हेक्टेयर और बारहमासा फसल के लिए 12,000 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दे सकती हैं। इस राशि को अब डेढ़ गुना कर दिया गया है। इस हिसाब से अब किसानों को वर्षा सिंचित क्षेत्र के लिए 6750 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा मिलेगा। जबकि सिंचित क्षेत्र के लिए 13,500 रुपए और बारहमासा फसल के लिए 18,000 रुपए मुआवजे के तौर पर दिया जाएगा। रबी सीजन में कुल खेती का क्षेत्रफल 600 लाख हेक्टेयर है।
लगातार बढ़ रहा है नुकसान का आंकड़ा
सरकारी आंकड़ों के अनुसार चालू रबी फसल में बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सहित 13 राज्यों में 113 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसल को नुकसान होने का अनुमान है। इससे पहले कृषि मंत्रालय ने 27 मार्च को 106 लाख हेक्टेयर में लगी रबी फसलों के नुकसान का अनुमान लगाया था। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देशभर में करीब 45.40 लाख हेक्टेयर से ज्यादा में लगी गेहूं की फसल पर मौसम की मार पड़ी है। इस साल देशभर में करीब 304.73 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुई है।
रिजर्व बैंक ने बैंकों को दिया निर्देश
रिजर्व बैंक के गर्वनर रघुराम राजन ने बैंकों को कृषि ऋण का पुनर्गठन करने का निर्देश दिया है। मंगलवार को राजन ने चिंता जताते हुए कहा कि पिछले महीने देश के विभिन्न हिस्सों में लावृष्टि के कारण रबी फसल का 17 फीसदी रकबा प्रभावित हुआ है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2014-15 में 614.69 लाख हेक्टेयर में रबी फसल की बुआई हुई है, जो एक साल पहले के 643.89 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 29.20 लाख हेक्टेयर कम है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वी एम सिंह के मुताबिक सरकार के इस फैसले से किसानों को निश्चित रूप से कुछ राहत मिलेगी, लेकिन मुआवजे की राशि अभी भी लागत से बहुत कम है। वी.एम. सिंह के मुताबिक किसानों का प्रति हेक्टेयर खर्च 30 से 32 हजार रुपए तक आता है। ऐसे में 9000 सेबढ़ाकर अगर मुआवजा 13500 कर भी दिया जाएगा तो भी किसान की समस्या का समाधान पूरी तरह नहीं होगा। साथ ही उन्होंने यह भी बताया सरकार के पास फसल का कितना नुकसान हुआ है इसे आंकने का भी कोई ठोस तरीका नहीं है। ऐसे में सरकार को जरुरत है कि इसकी पुख्ता व्यवस्था करें, जिससे किसानों को मदद मिल सके।