मध्य प्रदेश के भिंड जिले के डीएम ने किसानों की आत्महत्या को लेकर बेतुका बयान दिया है। इतना ही नहीं डीएम ने किसानों के प्रति अपशब्दों का इस्तेमाल करके बेशर्मी की सारी हदें पार कर दीं।
कांग्रेस ने डीएम के इस आपत्तिजनक बयान का वीडियो रिलीज किया है। इस वीडियो में भिंड के डीएम मधुकर अग्नेय ने कहा कि किसानों के पास बड़ा परिवार होता है और जब वे अपने परिवार की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते तो सरकार और अधिकारियों को कोसते हैं।
डीएम मधुकर ने किसानों की मौत का जिम्मेदार उनके बड़े परिवार को ठहराते हुए कहा, ‘किसान पांच छोरियां और एक छोरा पाल रहे तो प्राण तो निकलेंगे ही यार….। इतने बच्चे पैदा किए हैं तो..।’
किसानों की आत्महत्या को लेकर बेतुके बयान देने वाले अधिकारियों में उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले की डीएम संध्या तिवारी का भी नाम आया है। किसानों की मौत की जानकारी देते हुए संध्या तिवारी ने बताया कि आत्महत्या के तीन केस मीडिया में आए थे। दो की मौत पुरानी बीमारी के चलते हुई, जबकि एक ने पारिवारिक कलह के कारण आत्महत्या की।
महोबा के एडीएम ने बताया कि जिले में आत्महत्या का कोई मामला अभी तक सामने नहीं आया है। बरेली के डीएम प्रभांशु ने बताया कि जिले में एक भी किसान की मौत दैवीय आपदा के कारण नहीं हुई।
पीलीभीत के डीएम ने बताया कि एक किसान की मौत हुई, मगर फेफड़े संबंधी बीमारी के कारण। बदायूं के डीएम शंभुनाथ ने कहा कि आत्महत्या के पांच मामले मीडिया में रिपोर्ट किए गए।
इनमें से तीन ने पारिवारिक कलह के कारण आत्महत्या की, जबकि दो की मौत हार्ट फेल होने से हुई। मिर्जापुर के डीएम का कहना था कि एक किसान नाव पलटने से मरा। उसे मुआवजा दे दिया गया है। कन्नौज के डीएम ने बताया कि दो मौतें हुईं, मगर अन्य कारणों से।