कैबिनेट की बैठक में विधायक आदर्श ग्राम योजना के क्रियान्वयन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय सशक्त समिति के गठन का निर्णय लिया गया। योजना के लिए पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग को नोडल विभाग के रूप में अधिकृत करने और योजना के तहत चयनित गांवों के विकास के लिए सभी 90 विधायकों की विधायक निधि से दस-दस लाख रुपए की राशि विभिन्न योजनाओं में खर्च करने के लिए दिए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन भी बैठक में किया गया। इससे प्रत्येक विधायक को अपनी चयनित ग्राम पंचायत में काम की प्राथमिकता तय करने में आसानी होगी।
बैठक के बाद पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री अजय चंद्राकर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूरे देश में 11 अक्टूबर 2014 से सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी तर्ज पर राज्यों में भी विधायक आदर्श ग्राम योजना संचालित करने का आग्रह किया था। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के सभी विधायकों से आदर्श ग्राम योजना के लिए एक-एक गांव का चयन करने का आग्रह किया था।
ग्राम पंचायतों के चयन का आधार सांसद आदर्श ग्राम योजना के अनुरूप सामान्य क्षेत्रों में तीन हजार से पांच हजार की जनसंख्या और आदिवासी क्षेत्रों में 1500 में दो हजार की जनसंख्या रखी गई है। अब तक सभी विधायकों ने 90 गांवों का चयन कर लिया है। विधायक आदर्श ग्राम योजना विशुद्ध रूप से राज्य का कार्यक्रम है। इसका संचालन राज्य सरकार के सभी विभागों की भागीदारी और उनकी योजनाओं तथा कार्यक्रमों के माध्यम से किया जाएगा।
विद्युत कंपनियों में डायरेक्टरों की नियुक्ति को मंजूरी
कैबिनेट में राज्य सरकार के अंतर्गत विद्युत कंपनियों में दस-दस डायरेक्टर नियुक्त किए जानी संबंधी प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी गई। उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने बताया कि कंपनी एक्ट 2013 में संशोधन किया गया है। अधिनियम के मुताबिक दस करोड़ रुपए के टर्न ओवर और 50 करोड़ रुपए तक लोन लेने वाली कंपनी में एक डायरेक्टर की जगह अब दो डायरेक्टर होंगे। इसी तरह 50 करोड़ से अधिक टर्न ओवर और 100 करोड़ रुपए के लोन लेने वाली कंपनी में दो डायरेक्टर के अलावा एक महिला डायरेक्टर की नियुक्ति भी की जाएगी। ऊर्जा विभाग के अंतर्गत पांच विद्युत कंपनियां हैं। वर्तमान में इनमें दो राज्य विद्युत कंपनी में दस-दस डायरेक्टर हैं, जबकि दो कंपनी में आठ-आठ व एक कंपनी में नौ डायरेक्टर हैं। इन कंपनियों में अब दस-दस डायरेक्टर हो जाएंगे।
लोक सुराज अभियान में सभी 146 ब्लॉकों तक पहुंचने का लक्ष्य
मंत्रिमंडल की बैठक में 13 अप्रैल से शुरू हो रहे एक महीने के प्रदेशव्यापी लोक सुराज अभियान के सुचारु संचालनसे संबंधित विषयों पर भी चर्चा की गई। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में यह अभियान 12 मई तक चलेगा। प्रदेश के सभी 146 विकासखंडों तक राज्य सरकार के मंत्री और अधिकारी-कर्मचारियों के पहुंचने का लक्ष्य है। मंत्रियों को भी अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। राज्य सरकार के मंत्री प्रदेश के सभी 27 जिलों में जाएंगे और जिला मुख्यालयों में अपने विभागों से जुड़ी गतिविधियों की समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह स्वयं गांवों में जाकर योजनाओं से रूबरू होंगे। इस दौरान वे शासकीय भवनों व दफ्तरों का भी निरीक्षण करेंगे। सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी लोक सुराज अभियान में शामिल रहेंगे।
बृजमोहन, अमर व मूणत नहीं थे मौजूद
कैबिनेट की बैठक में कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल और पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत को छोड़कर बाकी सभी मंत्री मौजूद थे।