नई दिल्ली। बेमौसम बारिश से पूरे देश में करीब 45.40 लाख हेक्टेयर से ज्यादा गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा है। इसके मद्देनजर किसानों को राहत देने के उदेश्य से केंद्र सरकार प्रिक्योरमेंट के गुणवत्ता मानकों में ढील देने पर विचार कर रही है। इसके लिए केंद्र सरकार ने हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकार को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के साथ मिलकर तत्काल गेहूं के नमूने का परीक्षण करने को कहा है ताकि गुणवत्ता मानकों में उचित छूट पर विचार किया जा सके। सरकार के इस फैसले का किसान स्वागत कर रहे है। हालांकि फ्लोर मिलर्स के मुताबिक इसका असर उनके उद्योग पर ज्यादा नहीं पड़ेगा।
बेमौसम बारिश से घटी गेहूं की गुणवत्ता
हरियाणा किसान क्लब के महासचिव बी के कपूर के मुताबिक चालू रबी सीजन के दौरान बेमौसम बारिश के चलते गेहूं की चमक कम हो गई है। साथ ही गेहूं का रंग काला पड़ने की संभावना है। जिससे गेहूं की क्वालिटी खराब होने की आशंका है। कपूर के मुताबिक अगर सरकार गेहूं में नमी की मात्रा को 14 से बढ़ाकर 18-20 फीसदी करती है तब सरकार के इस फैसले का किसानों को व्यापक स्तर पर फायदा मिलेगा। गौरतलब है कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत 14 फीसदी से अधिक नमी वाले गेहूं की खरीद और भण्डारण नहीं किया जा सकता है।
किसानों के लिए कुछ राहत
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वी एम सिंह ने कहा कि सरकारी खरीद के लिए गुणवत्ता मानकों में ढील देने से किसानों को कुछ राहत मिलेगी। लेकिन सरकार यह ढील केवल गेहूं में नमी की मात्रा और चमक को ध्यान में रखकर दे रही है। जबकि बेमौसम बारिश से गेहूं के काले पड़ने और हल्के होने का खतरा है। सिंह के मुताबिक उनका संगठन ऐसे किसानों को भी राहत देने के लिए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखेगा।
गुजरात और मध्य प्रदेश में सरकार दे चुकी है ढील
खाद्य मंत्रालय द्वारा स्थापित व्यवस्था के तहत वर्तमान रबी सीजन में गुजरात व मध्य प्रदेश राज्य में चमक हीन गेहूं की खरीद हेतु ढील दी जा चुकी है। नमूनों की जांच के आधार पर मध्य प्रदेश में सिकुड़े व टूटे दानों की खरीद में भी 10 प्रतिशत तक छूट दी गई है।
फ्लोर मिल्स पर नहीं होगा असर
गाजियाबाद स्थित माहेश्वरी रोलर फ्लोर मिल्स के निदेशक एम एल करनानी ने कहा कि सरकार के इस फैसले का फ्लोर मिल्स पर कोई खास असर नहीं देखने को मिलेगा। उनके मुताबिक बाजार में गेहूं की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में है। साथ ही अगर गेहूं की कीमतों में तेजी आती है तो सरकार खुले बाजार बिक्री योजना के तहद गेहूं बेच सकती है। जिसके कारण बाजार में गेहूं की कमी नहीं आएगी।
113 लाख हेक्टेयर में लगी फसल को नुकसान
बेमौसम बारिश से रबी फसलों को हुए नुकसान का आंकड़ा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को सुबह कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि बेमौसम बारिश और ओला वृष्टि के कारण देश में कुल 113 लाख हेक्टेयर में लगी फसल को नुकसान पहुंचा है। उनके मुताबिक प्रमुख रबी फसल फसलगेहूं का उत्पादन दूसरे अग्रिम अनुमान (957.6 लाख टन) से चार से पांच फीसदी तक घट सकता है। इस हिसाब से कुल उत्पादन में करीब 49 लाख टन गिरावट की आशंका है। पिछले साल देश में 958.5 लाख टन गेहूं देश में पैदा हुआ था।
बेमौसम बारिश से घटी गेहूं की गुणवत्ता
हरियाणा किसान क्लब के महासचिव बी के कपूर के मुताबिक चालू रबी सीजन के दौरान बेमौसम बारिश के चलते गेहूं की चमक कम हो गई है। साथ ही गेहूं का रंग काला पड़ने की संभावना है। जिससे गेहूं की क्वालिटी खराब होने की आशंका है। कपूर के मुताबिक अगर सरकार गेहूं में नमी की मात्रा को 14 से बढ़ाकर 18-20 फीसदी करती है तब सरकार के इस फैसले का किसानों को व्यापक स्तर पर फायदा मिलेगा। गौरतलब है कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत 14 फीसदी से अधिक नमी वाले गेहूं की खरीद और भण्डारण नहीं किया जा सकता है।
किसानों के लिए कुछ राहत
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के संयोजक वी एम सिंह ने कहा कि सरकारी खरीद के लिए गुणवत्ता मानकों में ढील देने से किसानों को कुछ राहत मिलेगी। लेकिन सरकार यह ढील केवल गेहूं में नमी की मात्रा और चमक को ध्यान में रखकर दे रही है। जबकि बेमौसम बारिश से गेहूं के काले पड़ने और हल्के होने का खतरा है। सिंह के मुताबिक उनका संगठन ऐसे किसानों को भी राहत देने के लिए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखेगा।
गुजरात और मध्य प्रदेश में सरकार दे चुकी है ढील
खाद्य मंत्रालय द्वारा स्थापित व्यवस्था के तहत वर्तमान रबी सीजन में गुजरात व मध्य प्रदेश राज्य में चमक हीन गेहूं की खरीद हेतु ढील दी जा चुकी है। नमूनों की जांच के आधार पर मध्य प्रदेश में सिकुड़े व टूटे दानों की खरीद में भी 10 प्रतिशत तक छूट दी गई है।
फ्लोर मिल्स पर नहीं होगा असर
गाजियाबाद स्थित माहेश्वरी रोलर फ्लोर मिल्स के निदेशक एम एल करनानी ने कहा कि सरकार के इस फैसले का फ्लोर मिल्स पर कोई खास असर नहीं देखने को मिलेगा। उनके मुताबिक बाजार में गेहूं की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में है। साथ ही अगर गेहूं की कीमतों में तेजी आती है तो सरकार खुले बाजार बिक्री योजना के तहद गेहूं बेच सकती है। जिसके कारण बाजार में गेहूं की कमी नहीं आएगी।
113 लाख हेक्टेयर में लगी फसल को नुकसान
बेमौसम बारिश से रबी फसलों को हुए नुकसान का आंकड़ा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को सुबह कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि बेमौसम बारिश और ओला वृष्टि के कारण देश में कुल 113 लाख हेक्टेयर में लगी फसल को नुकसान पहुंचा है। उनके मुताबिक प्रमुख रबी फसल फसलगेहूं का उत्पादन दूसरे अग्रिम अनुमान (957.6 लाख टन) से चार से पांच फीसदी तक घट सकता है। इस हिसाब से कुल उत्पादन में करीब 49 लाख टन गिरावट की आशंका है। पिछले साल देश में 958.5 लाख टन गेहूं देश में पैदा हुआ था।