4 राज्‍यों की 700 से अधिक उद्योग को राहत, 30 जून तक नियंत्रित करना होगा प्रदूषण

नई दिल्ली। गंगा बेसिन को प्रदूषण मुक्त बनाने की कोशिश कर रही केंद्र सरकार ने 700 से अधिक उद्योगों को 30 जून तक की राहत दी है। अब इन उद्योगों को 30 जून तक अपनी यूनिट में सेंसर आधारित सिस्टम लगाना होगा। इससे पहले केंद्र ने यूपी, उत्‍तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल की ऐसी 764 औद्योगिक इकाइयों को प्रदूषण की निगरानी के लिए 31 मार्च तक सेंसर आधारित सिस्टम लगाने का आदेश दिया था। लेकिन मार्च के अंत तक मुश्किल से 50 इकाइयों ने इस निर्देश का पालन करते हुए सिस्टम स्थापित करने में रुचि दिखाई है। हालांकि उद्योगों के लिए यह रियायत के लिए 100 फीसदी बैंक गारंटी देनी होगी

उद्योगों को जमा करनी होगी 100 फीसदी बैंक गारंटी

नए आदेश के तहत जहां उद्योगों को सिस्टम लगाने के लिए 3 महीने का अतिरिक्‍त समय दिया गया है। लेकिन इसके लिए उद्योगों को निगरानी सिस्टम की लागत के बराबर बैंक गारंटी एक सप्‍ताह के भीतर जमा कराने का निर्देश भी दिया है। पहले बैंक गारंटी की लिमिट 25 फीसदी थी। केंद्र ने साफ कहा है कि अगर 30 जून तक निगरानी सिस्टम नहीं लगाया गया, तो बैंक गारंटी जब्त कर ली जाएगी और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर ताला लगा दिया जाएगा।

50 फीसदी उद्योगों ने लगाया सिस्टम

उत्‍तर प्रदेश प्रदूषण बोर्ड के वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र ने गंगा के आस-पास के क्षेत्र सहित देश भर में प्रदूषणकारी औद्योगिक इकाइयों को यह सिस्टम लगाने को कहा था। इसके तहत यूपी की 687 इकाइयों में सिस्‍टम स्‍थापित करना है। लेकिन मुश्किल से 50 इकाइयों ने ही अपने संयंत्रों से निकलने वाले अपशिष्ट की निगरानी के लिए सेंसर आधारित सिस्टम लगाया है।

उद्योगों को करना होगा 15 से 25 लाख खर्च

कानपुर स्थि‍त टेनरी कारोबारी असलम शाह के अनुसार छोटी इंडस्‍ट्री के लिए सेंसर आधारित प्रदूषण निगरानी सिस्टम लगाना एक बड़ा खर्च है। छोटी इकाइयों को इसके लिए लगभग 15 लाख रुपये खर्च करने होंगे। वहीं बड़ी इकाइयों के लिए 20 से 25 लाख रुपये आती है। अब अगर किसी इकाई को अपना परिचालन जारी रखना है तो बैंक गारंटी जमा कराके 30 जून तक यह सिस्टम लगा सकती है। अगर 30 जून तक सिस्टम नहीं लगा तो औद्योगिक इकाई पर ताला पड़ जाएगा।

सर्वाधिक प्रदू‍षण फैलाने वाली इकाइयां उत्‍तर प्रदेश में

गंगा बेसिन में बसे 4 राज्‍यों की जो 764 इकाइयां केंद्र सरकार के स्‍कैनर पर हैं, उसमें सर्वाधिक 687 औद्योगिक इकाइयां उत्‍तर प्रदेश की हैं। उत्‍तर प्रदेश में भी सर्वाधिक प्रदूषित उद्योग कानपुर और उसके निकट स्थित हैं। इसके अलावा कन्नौज, कानपुर की कैमिकल इकाइयां और भदोही, इलाहाबाद और वाराणसी की रंगाई से जुड़ी इकाइयों को भी सिस्टम लगाने को कहा गया है।

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