नई दिल्ली। बढ़ती लागत से परेशान देश के छोटे स्टील कारोबारियों के लिए अच्छी खबर है। नई खनन नीति लागू होने के बाद झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक की सरकारों ने करीब 12 आयरन ओर खदानों की नीलामी की तैयारियां शुरू कर दी हैं। वहीं दूसरी ओर ओडिशा में पिछले साल से बंद पड़ी 18 आयरन ओर खदानों के दोबारा शुरू होने की उम्मीद भी बढ़ गई है। ओडिशा सरकार जल्द ही इन खदानों के लाइसेंस रिन्यू कर सकती है। स्टील कारोबारियों के मुताबिक कच्चे माल के लिए आयात पर निर्भर इंडस्ट्री के लिए यह अच्छी खबर है। एक ओर 30 खदानों में खनन प्रक्रिया शुरू होने जा रही है, वहीं एनएमडीसी भी उत्पादन बढ़ा रहा है। ऐसे में देश के भीतर आयरन ओर की उपलब्धता बढ़ने से जल्द ही अयस्क की दरों में भारी कटौती की संभावना है। जो कि चीन के सस्ते आयात से मुकाबला कर रही छोटी स्टील इंडस्ट्री के लिए ऑक्सीजन जैसी राहत है।
जून में शुरू होगी 12 खदानों की नीलामी
ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ में आयरन ओर की खदानों की नीलामी इस साल जून से शुरू हो सकती है। केंद्रीय खनन मंत्रालय ने राज्य की सरकारों से चालू और बंद पड़ी खदानों के साथ खनिजों और क्लियरेंस के मौजूदा स्टेटस की रिपोर्ट मांगी है। विभाग के अधिकारियों मुताबिक केंद्र सरकार नीलामी की नियम शर्तें तैयार कर रही है। इसके लिए सरकार ने नीलामी के मानक तय करने के लिए एसबीआई कैपिटल मार्केट को नियुक्त किया है। शर्तें तय होने के बाद इन राज्यों में खदान नीलामी की प्रक्रिया जून में शुरू हो सकती है।
ओडिशा की खदानों से मिलेगा 7 करोड़ टन अयस्क
ओडिशा के खनिज विभाग के अधिकारी के मुताबिक वरिष्ठ अधिकारियों के एक पैनल ने राज्य में बंद पड़ी 18 खदानों को दोबारा शुरू करने की सिफारिश की है। जिसके बाद रिन्युअल की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अगले 10 दिनों में इन खदानों के रिन्युअल की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इन 18 खदानों से 7 करोड़ टन आयरन ओर उत्पादन की संभावना है। इसके अलावा पैनल ने 8 अन्य खदानों की लीज बढ़ाने की सिफारिश की है।
खनन पर प्रतिबंध से घटा आयरन ओर उत्पादन
ओडिशा. झारखंड और गोवा जैसे आयरन ओर उत्पादक राज्यों में पिछले पांच वर्षों में उत्पादन लगातार घटा है। सरकार और न्यायालय की ओर से खनन पर प्रतिबंध लगे होने की वजह से साल दर साल आयरन ओर के उत्पादन में भारी कमी देखने को मिली है। करोबारियों के अनुसार नई खदानों के शुरू होने और पुरानी खदानों के लाइसेंस रिन्यू होने के बाद एक बार फिर स्टील सेक्टर पर इसका सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।