शिक्षा विभाग कक्षा से लेकर आठवीं तक के बच्चों को दोहपर में मिड-डे-मील उपलब्ध कराता है। विभाग दोहपर का खाना सरकारी स्कूलों,सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और श्रम विभाग की ओर से संचालित सेंटरों (एनसीपीएल) पर उपलब्ध कराता है। एक एजेंसी के माध्यम से बच्चों को दोहपर का खाना सीधे स्कूलों पर दिया जाता है। स्कूल हेड बच्चों की रोजना संख्या एजेंसी को देते है। इसी आधार पर एजेंसी खाना बनाकर बच्चों को स्कूल पर भेजती है। दूसरी ओर विभाग ने फर्जी दाखिले के लिए जांच अभियान चलाया था। विभाग ने जब ब्लॉक एजुकेशन अधिकारी से मिले छात्रों की संख्या और मिड डे मील लेने वाले छात्रों की संख्या में जांच किया तो दोनों में भारी अंतर मिला। जिससे विभाग के होश उड़ गए कि आखिर दोनों के बीच साढे पांच हजार से अधिक का अंतर क्यों है। इसके लिए जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी प्रेमलता ने संबंधित अधिकारियों से जानकारी मांगी है। जिससे छात्रों के अंतर की जानकारी ली जा सके। मिड डे मील का पैसा विभाग बच्चों की संख्या के आधार पर एजेंसी को देता है। ऐसे में इसे गंभीरता से जांच की जा रही है। विभागीय अधिकारी सरकारी सहायता प्राप्त और एनसीपीएल और सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या को एक बार फिर से जांच करने में जुट गए हैं। जिससे की वास्तविकता का पता लगाया जा सके।
गौरतलब है सरकारी स्कूलों में फर्जी छात्रों के दाखिलेंकी शिकायतें मिलने पर शिक्षा निदेशालय पिछले साल दिसंबर में प्राथमिक और मिडिल स्कूलों की विशेष जांच कराई थी। इसके लिए बनी कमेटियों ने जांच के दौरान छात्रों की संख्या,लंबे समय तक अनुपस्थित छात्रों की संख्या, कुल छात्र समेत अन्य का ब्योरा लिया गया था। गुड़गांव,सोहना,पटौदी और फरुखनगर ब्लॉक से हजारों की संख्या में बच्चाों के नाम काटे गए थे।
कहां गए बच्चे-
ऐसे में अब सवाल उठता है कि साढे पांच हजार बच्चें यदि स्कूल नहीं आ रहे है तो कहां है। ऐसे बच्चाें विभाग को लिए मुसिबत बन जाएगे क्यों कि शिक्षा के अधिकार के अनुसार कोई शिक्षा से वंचित नहीं होना चाहिए। ऐसे में नए सत्र से नाम काटे गए बच्चाों के लिए विभाग को सही कारण तलाशना होगा नहीं तो यह बच्चाे सिरदर्द बन जाएगे।
इसलिए ऑन लाइन दाखिला
गुड़गांव जिले में साढे पांच हजार बच्चाे का अंतर सामने आया है लेकिन में मेवात में यह संख्या इससे भी अधिक है। ऐसे में विभाग ने अप्रैल से कक्षा एक से लेकर 11वीं तक के बच्चाों का ऑन लाइन दाखिला कराने का फैसला किया है। इसके लिए पहले चरण में गुड़गांव जिले से 24 स्कूलों को चुना गया है जबकि प्रदेश से 504 स्कूल शामिल है। विभाग ने 24 स्कूलों दाखिले के वक्त माता,पिता और बच्चाों तक के आधार कार्ड कोअनिवार्य कर दिया है। विभाग का मानना है कि इससे फर्जी दाखिले पर रोक लगाया जा सकेगा। साथ ही सभी बच्चाों का डॉटा ऑन लाइन उपलब्ध रहेगा। जिससे बच्चाों को आसानी से ट्रेस किया जा सकेगा।