2014-15 में 5.465 लाख करोड़ रुपए रहा अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह

नई दिल्‍ली। वित्‍त वर्ष 2014-15 (अप्रैल-मार्च) में अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह अपने संशोधित लक्ष्‍य से 4,000 करोड़ रुपए ज्‍यादा रहा है। मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में मंदी के बावजूद पिछले साल की तुलना में 9.9 फीसदी वृद्धि के साथ वित्‍त वर्ष 2014-15 का अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह 5.465 लाख करोड़ रुपए रहा है।


वित्‍त वर्ष 2013-14 में सरकार ने 4.970 लाख करोड़ रुपए का अप्रत्‍यक्ष कर का संग्रह किया था। सरकार ने वित्‍त वर्ष 2014-15 के लिए अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह का लक्ष्‍य पहले 6.25 लाख करोड़ रुपए तय किया था। लेकिन बाद में सरकार ने इसे संशोधित कर 5.42 लाख करोड़ रुपए कर दिया था। वित्‍त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक वित्‍त वर्ष 2014-15 में अप्रैल-फरवरी के दौरान अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह 8.4 फीसदी की वृद्धि के साथ 4.79 लाख करोड़ रुपए था।


पहले कई मौकों पर वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि 6.24 लाख करोड़ रुपए का अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह का लक्ष्‍य हासिल करना चुनौतीपूर्ण है। अप्रत्‍यक्ष कर संग्रह की ग्रोथ औद्योगिक उत्‍पादन से संबंधित होती है। आईआईपी के मुताबिक अप्रैल-जनवरी 2015 में औद्योगिक उत्‍पादन की विकास दर 2.5 फीसदी रही है, जो कि मंदी को दर्शाती है। अतिरिक्‍त टैक्‍स संग्रह सरकार को वित्‍तीय घाटे के लक्ष्‍य को 4.1 फीसदी पर रखने में मदद करेगा। वित्‍त मंत्री अरुण जेटली वित्‍तीय घाटे के लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्‍होंने वित्‍त वर्ष 2015-16 के लिए वित्‍तीय घाटे को जीडीपी के 3.9 फीसदी और 2016-17 में 3.5 फीसदी और 2017-18 में 3 फीसदी करने का प्रस्‍ताव किया है।

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