राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शनिवार को नेशनल इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ द कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के मिड-टर्म मीट 2015 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवा की हालत बेहद खराब है। सस्ती, सुलभ और प्रभावी स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के साथ-साथ दवाओं और उपकरणों के बेहतर उपयोग के लिए प्रशिक्षित और प्रेरित कर्मियों की जरूरत है।
राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा कि भारत में दस हजार की आबादी पर सात बेड वाले अस्पताल हैं। दूसरी ओर ब्राजील में 23, चीन में 38 और रूस में 97 हैं। स्वास्थ्य पेशेवरों के लिहाज से भी भारत ब्रिक्स (रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील और भारत) के अन्य सदस्य देशों से काफी पीछे है। रूस में जहां दस हजार की जनसंख्या पर 43 चिकित्सक, ब्राजील में 19, चीन में 15 जबकि भारत में इतनी ही संख्या पर महज सात डॉक्टर हैं।