मुख्यमंत्री की स्वास्थ्य सेवा सुधारने को बड़ी घोषणा, कांट्रैक्ट डॉक्टर होंगे स्थायी

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार भविष्य में कांट्रैक्ट पर डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं करेगी और फिलहाल कांट्रैक्ट पर कार्यरत सभी डॉक्टरों को नियमित किया जायेगा. उन्होंने डॉक्टरों के रिटायरमेंट की उम्र 65 से बढ़ा कर 70 वर्ष किये जाने के प्रस्ताव को भी अपना समर्थन दिया. वह गुरुवार को नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) के 45वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस मौके उन्होंने एनएमसीएच परिसर में कई योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास भी किया गया.

समय पर काम पूरा न हो तो सबसे अधिक दुख : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास के लिए शिक्षा व चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाना पड़ेगा. इसके लिए सबों को मिल कर काम करना होगा. मेडिकल कॉलेज की कमियों को लेकर बार-बार मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) आपत्ति दर्ज कराती है और पिछली बार मुख्य सचिव ने कमियों को दूर करने को लेकर अंडरटेकिंग दी थी. जब इसकी समीक्षा की गयी, तो बहुत हद तक उन कमियों को दूर भी कर लिया गया, लेकिन अब भी बहुत-सी कमियां कायम हैं, जिन्हें दूर नहीं करने का दुख हमको सबसे अधिक होता है. सरकार नीति बनाती है और उसके लिए संबंधित विभाग यह जिम्मा लेता है कि इसको इतने समय में पूरा कर लिया जायेगा. बावजूद इसके काम समय पर नहीं पूरा होता है, जिसके कारण लोगों को लगता है कि सरकार कुछ नहीं करना चाहती है. लेकिन, ऐसा नहीं है. सरकार बहुत कुछ करना चाहती है और कर रही है. बिहार में नये मेडिकल कॉलेज खोले गये हैं और आगे अभी और मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे, ताकि हमारे छात्रों को पढ़ाई के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़े.

250 सीटों पर नामांकन की कोशिश
श्री कुमार ने कहा कि एनएमसीएच में अभी एमबीबीएस की 100 सीटें हैं और हमारी कोशिश है कि यहां कम-से-कम 250 छात्र-छात्रएं पढ़ाई करें और इसके लिए जितने डॉक्टर, शिक्षक व पारा मेडिकल स्टाफ की जरूरत पड़ेगी, उसके लिए पदों का सृजन किया जा रहा है और यह काम अपने अंतिम रूप में है. उन्होंने कहा कि बिहार में दूसरा नर्सिग कॉलेज एनएमसीएच में खोला जायेगा, क्योंकि किसी भी अस्पताल को चलाने के लिए वहां की नर्सिग व्यवस्था का बेहतर होना जरूरी है. स्वास्थ्य विभाग को डॉक्टर व शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए पूरा ब्योरा तैयार करने को कहा गया है और इसको लेकर अब काम शुरू होगा.

अस्पताल के पुराने भवन को तोड़ कर नया बनाया जाये : मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन भवनों को तोड़ा जा सकता है, उसे तोड़ कर नया भवन तैयार किया जाये और वह भूकंपरोधी हो. इसके लिए जितनी राशि खर्च होगी, वह दी जायेगी. एनएमसीएच ऐसी जगह बना है, जहां सभी जगहों से मरीज आसानी से आ सकते हैं. ऐसे में इसका विस्तार करना बेहद आवश्यक है. पूर्व में इस अस्पताल को ढाई हजार बेडों का बनाने की योजना बनायी गयी थी. इसकी डीपीआर तैयार कर जल्द इस दिशा में काम करें.

डॉक्टरों के सहयोग की जरूरत : रामधनी
स्वास्थ्य मंत्री रामधनी सिंह ने स्मारिका का विमोचन करते हुए कहा कि बिहारके अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ी हैं और हमारे डॉक्टर कम संसाधन में भी मरीजों को जल्द रेफर नहीं करते हैं. स्वास्थ्य विभाग अस्पताल व मेडिकल कॉलेज की कमियों को दूर करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और बहुत जल्द हम सफल भी होंगे. बस डॉक्टरों का भी भरपूर सहयोग चाहिए. कार्यक्रम में एनएमसीएच प्राचार्य डॉ शिव कुमारी प्रसाद, अधीक्षक डॉ संतोष कुमार, सीएम के प्रधान सचिव डीएस गंगवार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र, स्वास्थ्य सचिव आनंद किशोर, पीएमसीएच के न्यूरो विभाग के एचओडी डॉ एके अग्रवाल, डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह, बीएमएसआइसीएल के एमडी डीके शुक्ला, डॉ विमल कारक, डॉ नरेश भीम सरिया, डॉ एनएन शाही, डॉ उमाकांत प्रसाद, डॉ अजय कुमार, डॉ जितेंद्र कुमार सिंह, डॉ हरिहर दीक्षित, डॉ मंगतु राम, डॉ एमके सिन्हा, डॉ सुभाष चंद्रा सहित अन्य पूर्ववती डॉक्टर मौजूद थे.

समायोजन हमारा काम आप करें मरीजों का इलाज
नीतीश कुमार ने कहा कि कांट्रैक्ट पर नियुक्त डॉक्टर अनशन पर बैठ जाते हैं कि उनको नियमित किया जाये. सरकार भी चाहती है कि डॉक्टरों की नियमित नियुक्ति ही हो और अभी बीपीएससी के माध्यम से होनेवाले इंटरव्यू में अगर कोई डॉक्टर किसी कारण से सफल नहीं होते हैं, तो उनको भी सरकार किसी-न-किसी माध्यम से नियमित करेगी. कैसे सबका समायोजन होगा, यह सोचना सरकार का काम है. डॉक्टर अगर हड़ताल, अनशन में अपना समय बरबाद करेंगे, तो मरीजों का इलाज कौन करेगा. इसलिए डॉक्टरों को अपना काम करना चाहिए और सरकार अपना काम करेगी. अब आप हमारी जनता का इलाज करें. हम ऐसी व्यवस्था करेंगे कि आगे किसी भी डॉक्टर की नियुक्ति कांट्रैक्ट पर नहीं हो, क्योंकि एमसीआइ भी कांट्रैक्ट के डॉक्टरों की गिनती नहीं करती है.

कांट्रैक्ट डॉक्टर 2000 और वैकेंसी 3239
राज्य में अभी 2000 कांट्रैक्ट डॉक्टर हैं, जबकि बीपीएससी द्वारा निकाली गयी वैकेंसी 2888 (एमबीबीएस) और 351 डेंटल है. इस कारण से सभी कार्यरत कांट्रैक्ट डॉक्टर बिना किसी परेशानी के नियमित हो जायेंगे. दूसरी ओर विभाग ने 2600 स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के पदों के लिए आवेदन मांगा है, लेकिन इसके लिए महज 1200 डॉक्टरों ने आवेदन किया है. अनुबंध चिकित्सक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ अमिताभ कुमार ने कहा कि बिहार में एमबीबीएस व डेंटल मिला कर दो हजार डॉक्टर अनुबंध पर काम कर रहे हैं, जिनको नियमित करने के लिए सरकार वैकेंसी निकाल चुकी है.

रिटायरमेंट की उम्र 70 हो जाये, हमें कोई आपत्ति नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में डॉक्टर व प्रोफेसर की कमी है. ऐसे में यदि डॉक्टरों के रिटायरमेंट की उम्र 65 से 70 वर्ष करने को लेकर बात चल रही है, तो इसमें मुङो कोई एतराज नहीं है. मेरे पास प्रस्ताव आयेगा, उस पर तुरंत सहमति दे दूंगा और ऐसा करने से युवा डॉक्टर भी परेशान नहीं हो कि उनको नौकरी नहीं मिलेगी. किसी डॉक्टर को काम के लिए बाहर नहीं जाने देंगे.

योजनाओं का किया शिलान्यास
पटना स्टेट ऑफ आर्ट मेडिकल रेकॉर्ड रूम भवन
बीएससी नर्सिग कॉलेज भवन
डायग्नोस्टिक सेंटर भवन
इन योजनाओं का उद्घाटन
200 बेडों का छात्रवास
जीएनएम नर्सिग स्कूल भवन
100 बेडों का ट्रोमा सेंटर व इमरजेंसी (लागत31 करोड़)
ड्रग वेयर हाउस ( लागत छह करोड़)
ओपीडी का विकास ( लागत 11 करोड़)
वैक्सीन सेंटर ( लागत 11 करोड़)

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