स्‍पेक्‍ट्रम नीलामी से सरकार को मि‍लेंगे 1.08 लाख करोड़, ग्राहकों को पड़ेगा भारी

नई दि‍ल्‍ली। टेलीकॉम स्‍पेक्‍ट्रम नीलामी के लि‍ए सरकार के पास 1.08 लाख करोड़ रुपए की बोलि‍यां मि‍ली हैं। नीलामी के 13वें दि‍न तक देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनि‍यों ने बोलि‍यां लगाई हैं। स्‍पेक्‍ट्रम नीलामी से सरकार की करोड़ों की कमाई होगी लेकि‍न यह ग्राहकों को महंगी कॉल रेट और इंटरनेट डाटा का झटका भी दे सकता है। यह 2जी और 3जी बैंड के स्पैक्ट्रम की सबसे बड़ी बिक्री है। दूरसंचार विभाग के मुताबि‍क 80 दौर की नीलामी के बाद करीब 89 फीसदी स्पेक्ट्रम दूरसंचार कंपनियों को अस्थायी रूप से आवंटित किया गया है। दूरसंचार विभाग ने कहा, ‘80 दौर के बाद बोली लगाने वाली कंपनियों ने 1,08,00 करोड़ रुपए की बोलियां लगाई हैं। ज्यादातर सेवा क्षेत्रों में स्पेक्ट्रम आरक्षित मूल्य से ऊपर प्रीमियम पर जा रहा है।’

महंगी हो सकती है कॉल रेट

सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) के मुताबि‍क, कंपनि‍यों को नीलामी का भुगतान करने के लि‍ए कर्ज लेना पड़ेगा जि‍ससे उनका ऑपरेशनल कॉस्‍ट बढ़ जाएगा। इसे बैलेंस करने के लिए ऑपरेटर्स को कॉल रेट बढ़ानी ही पडेंगी। इस अतिरिक्त कॉस्ट को उपभोक्ताओं पर ही डाला जाएगा या फिर सरकार को लाइसेंस फीस और स्पैक्ट्रम यूसेज चार्जेस कम करने होंगे।

कितने स्‍पेक्‍ट्रम की हो रही है नीलामी

सरकार ने 800 मेगाहर्ट्ज में 103.75 मेगाहर्ट्ज, 900 में 177.8 मेगाहर्ट्ज, 1,800 में 99.2 मेगाहर्ट्ज (इन इस्‍तेमाल अमूमन 2जी बैंड के लिए होता है) और 2,100 मेगाहर्ट्ज में से 85 मेगाहर्ट्ज स्‍पेक्‍ट्रम नीलामी के लिए रखा है। 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड का इस्‍तेमाल 3जी सेवाओं के लिए होता है। भारत में 2जी सेवा से मतलब बेसिक सेलुलर सेवाए उपलब्‍ध कराना है जिसमें वॉयस पर मुख्‍य फोकस होता है, जबकि 3जी सेवा पर तेज गति से इंटरनेट एक्‍सेस की सुविधा मिलती है।

खत्म हो रहे हैं कई कंपनियों के लाइसेंस

यह नीलामी इसलिए भी अहम है क्योंकि कई प्रमुख कंपनियों के स्पेक्ट्रम लाइसेंस 2015-16 में खत्म हो रहे हैं। कुल 18 सर्कल्स में 29 लाइसेंस 2015-16 के दौरान खत्म हो रहे हैं। ऐसे में यदि कंपनियां इस नीलामी में हारती हैं तो इनके लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी।

बिड में शामिल हैं यह कंपनियां

रिलायंस जिओ इन्फोकॉम, भारती एयरटेल लिमिटेड, आइडिया सेल्युलर लिमिटेड, वोडाफोन इंडिया, टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड, रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड, टेलीविंग्स कम्युनिकेशन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड और एयरसेल लिमिटेड ई-ऑक्शन में हिस्सा लेंगी।

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